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भारत ने जिसे देश से निकाला, बांग्लादेश ने उसी 8 महीने की गर्भवती महिला को जेल में डाला

अवैध घुसपैठिए किसी भी देश की सुरक्षा और संसाधनों को लिए खतरा तो पैदा करते ही हैं साथ ही वो वहां की समाजिक संरचना को भी नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। देश से अवैध घुसपैठियों के निकालने की मुहिम लगातार जोर पकड़ रही है।

इसी बीच ऐसा मामला सामने आया है कि जिसमें एक महिला ऐसे हाल में फंस गई है, जिसकी उनसे कभी उम्मीद नहीं की थी। भारत से बांग्लादेश डिपोर्ट की गई सुनाली खातून को पड़ोसी देश ने भी अपना नागरिक मानने से इनकार कर दिया है। भारत की पुलिस ने सुनाली खातून को अवैध घुसपैठिया बताते हुए असम के रास्ते बांग्लादेश डिपोर्ट किया था।

बांग्लादेश ने नागरिक मानने से किया इनकार

अब जानकारी सामने आई है कि वहां की पुलिस ने भी उसे अपना नागरिक मामने से इनकार कर दिया है और जेल में डाल दिया है। सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात ये है कि सुनाली खातून आठ महीने की गर्भवती हैं और किसी भी वक्त बच्चे को जन्म दे सकती हैं। ऐसे में ये सवाल मुंह बहाए हुए खड़ा है कि आखिर उनका होने वाला बच्चा किस देश का नागरिक होगा?

बांग्लादेश पुलिस ने सुनाली खातून को जेल भेजा

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की चपाई नवाबगंज पुलिस ने गुरुवार को सुनाली खातून को उनके आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड के आधार पर ही गिरफ्तार किया था। एसपी मो. रेजाउल करीम ने बताया कि इन लोगों ने खुद को भारतीय बताया और इनके पास कोई वकील नहीं था। इसलिए कोर्ट ने सभी को कंट्रोल ऑफ एंट्री एक्ट, 1952 के तहत जेल भेज दिया। मामले की अगली सुनवाई सितंबर में होगी।

पिता ने दायर की हाईकोर्ट में याचिका

सुनाली के पिता ने कलकत्ता हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। उन्होंने ने कहा कि यह सोचना भी परेशान करने वाला है कि उनकी गर्भवती बेटी जेल में बच्चे को जन्म दे सकती है। उन्होंने कहा, “हम गरीब हैं। हमने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, और क्या किया जा सकता है?”

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