उत्तराखंडराज्य

मकर संक्रांति पर स्नान पर प्रतिबंध के कारण हरकी पैड़ी सील, वापस भेजे गए श्रद्धालु

मकर संक्रांति पर्व पर प्रतिबंध लगाने के बाद गुरुवार रात से हर की पैड़ी को सील कर दिया गया। जिस कारण श्रद्धालु गंगा स्नान को हर की पैड़ी में न जा सके। रात को हर की पैड़ी जाने वाले सभी मार्गों पर बैरीकेडिंग लगा दी गई थी। हर की पैड़ी पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है। हर की की पैड़ी व साथ लगते घाटों पर स्थानीय लोग भी स्नान नहीं कर सकेंगे। 

गुरुवार को जिले की सीमाओं में चिड़ियापुर, लाहड़पुर, नारसन, गोकलपुर व वीरपुर के रास्ते हरिद्वार स्नान को आ रहे श्रद्धालुओं को वापिस भेज दिया गया। सीमा पर पुलिस बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों में सवार यात्रियों को आने का कारण पूछ रहे थे। जिन लोगों ने स्नान की बात कही उन्हें सीमा से ही लौटा दिया गया। हालांकि मकर संक्रांति की पूर्व संध्या में हर की पैड़ी पर गंगा आरती में हजारों लोग शामिल हुए। 

मकर संक्रांति पर खिचड़ी भोज का आयोजन

जगजीतपुर फुटबॉल ग्राउंड के निकट स्थित श्री बालाजी धाम, श्रीसिद्धबलि हनुमान मंदिर एवं श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के महंत दिगंबर आलोक गिरी के सानिध्य में मकर संक्रांति पर्व पर खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया। जा रहा है।  महंत आलोक गिरी ने बताया कि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर-संक्रांति कहलाता है। संक्रांति के लगते ही सूर्य उत्तरायण हो जाता है। मान्यता है कि मकर-संक्रांति से सूर्य के उत्तरायण होने पर देवताओं का सूर्योदय होता है और दैत्यों का सूर्यास्त होने पर उनकी रात्रि प्रारंभ हो जाती है।

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