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मणिपुर में क्यों भड़की थी हिंसा? पूर्व CM बीरेन सिंह ने बताई वजह

मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सोमवार को दावा किया कि राज्य में संघर्ष मादक पदार्थ, अवैध आव्रजन और वनों के विनाश सहित कई चुनौतियों का परिणाम था। बीरेन सिंह ने एक्स पर पोस्ट में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा पर निशाना साधते हुए उनसे पूछा कि क्या उन्हें राज्य में अवैध गांवों की संख्या में खतरनाक वृद्धि के बारे में पता है।

बता दें कि मई 2023 से मणिपुर में मैतेयी और कुकी-दो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं। बीरेन सिंह ने नौ फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। केंद्र ने 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। बीरेन ने कहा, यह राजनीतिक संकट नहीं है, बल्कि यह कई चुनौतियों का परिणाम है, जिसमें मादक पदार्थों का खतरा, अवैध आव्रजन, वनों का विनाश शामिल है।

मणिपुर को अस्थिर करने के प्रयास का आरोप

उन्होंने दावा किया कि स्वर्गीय पीए संगमा ने एक बार पूर्वोत्तर को जातीय आधार पर छोटे राज्यों में विभाजित करने की वकालत की थी, जो एक खतरनाक विचार था इससे राष्ट्र की एकता को खतरा था। हम मणिपुर को अस्थिर करने के लिए राज्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के ऐसे ही प्रयास देख रहे हैं।

उन्होंने दावा किया, जब मणिपुर गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा था, तब अन्य देश हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बचते रहे। यही अपेक्षित था, फिर भी कुछ लोगों ने एक अलग रास्ता चुना, जो वास्तविक चिंता के बजाय संकीर्ण हितों से प्रेरित था। मणिपुर 32 जनजातियों का घर है, जिनकी पहचान, संस्कृति और जीवन शैली को संरक्षण मिलना चाहिए। अवैध अप्रवासियों को बढ़ावा देने या इस नाजुक संतुलन को खतरे में डालने वाले मामलों में हस्तक्षेप करने से बचें। मणिपुर के लोगों ने बहुत कुछ सह लिया है। हमें शांति से रहना चाहिए।इनर लाइन परमिट (आईएलपी) के कार्यान्वयन के माध्यम से हुई प्रगति पर बीरेन ने कहा, कोनराड को पता होना चाहिए कि हिंसा स्वत:स्फूर्त नहीं थी। इसे उन लोगों द्वारा भड़काया गया था जो इस तरह की प्रगति से असुरक्षित महसूस करते हैं। पिछले साल नवंबर में, कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और आरोप लगाया था कि सरकार राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में विफल रही।

छह ड्रग्स तस्कर गिरफ्तार

कांगपोकपी जिले में अलग-अलग घटनाओं में छह ड्रग्स तस्करों और अफीम की खेती करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि छह ड्रग्स तस्करों को कांगपोकपी पुलिस थाने में दर्ज मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। उनके कब्जे से शनिवार को 174 साबुन की डिब्बियों में छिपाई गई ब्राउन शुगर और एक चार पहिया वाहन भी जब्त किया गया। इस बीच, चार अन्य लोगों को कांगपोकपी जिले के सोंगजांग गांव में अवैध अफीम की खेती करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

मणिपुर के दो जिलों में प्रतिबंधित कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी के दो उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि सुरक्षा बलों ने रविवार को जिरीबाम जिले से उग्रवादी को गिरफ्तार किया, जिसकी पहचान थोइदम सुरेश सिंह उर्फ लेम्बा के रूप में हुई है। संगठन के एक अन्य उग्रवादी की पहचान सलाम मालेमंगंबा सिंह के रूप में हुई है, जिसे शनिवार को बिष्णुपुर जिले से पकड़ा गया।

इस बीच असम राइफल्स ने सोमवार को मणिपुर के चूड़चंदपुर जिले में दो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) और 19 जिलेटिन की छड़ें बरामद कीं। पुलिस ने बताया कि बाद में दोनों आईईडी को निष्कि्रय कर दिया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहला विस्फोटक और जिलेटिन की छड़ें चूड़चंदपुर शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर एक गांव में बरामद की गईं, जबकि दूसरा विस्फोटक एक अन्य गांव के पास सड़क के किनारे एक पुलिया के पास बरामद किया गया।

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