मध्यप्रदेशराज्य

मध्यप्रदेश में दौड़ेंगी सरकारी बसें, इंदौर से होगी शुरूआत

20 साल से बंद सरकारी लोक परिवहन सेवा नए सिरे से 7 चरणों में सड़कों पर उतरेगी। पहले चरण में इंदौर और आसपास के 50 किमी क्षेत्र में अनुबंधित बसें चलेंगी। दूसरे चरण में इंदौर संभाग के सभी जिलों तक विस्तार होगा। भोपाल व उज्जैन शहर के 50 किमी के दायरे में आने वाले सभी शहर व अंतर शहरी रूट पर बसें दौडे़ंगी। 7वें चरण में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिले कवर होंगे। परिवहन विभाग के सचिव व मप्र यात्री परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के एमडी मनीष सिंह ने संचालक मंडल की पहली बैठक में सीएम डॉ. मोहन यादव के सामने पूरी कार्ययोजना पेश की।

परिवहन सचिव ने सीएम को बताई योजना

इंदौर शहर से 50 किमी के दायरे में आने वाले सभी शहरी व अंतर शहरी रूट पर बसें चलेंगी।

इंदौर संभाग के सभी जिलों तक विस्तार। उज्जैन व भोपाल शहर से 50 किमी दायरे में आने वाले शहरी व अंतर शहरी रूट पर बसें दौड़ेंगी।

उज्जैन संभाग के सभी जिले कवर होंगे।

सागर व जबलपुर संभाग के जिलों में शुरुआत, रूट चिह्नित।

भोपाल-नर्मदापुरम संभाग के सभी जिलों में लोक परिवहन सेवा जमीन पर उतरेगी।

रीवा व शहडोल संभाग के जिले कवर होंगे।

ग्वालियर व चंबल संभाग के सभी जिलों तक सेवा का विस्तार।

देश में पहली बार

परिवहन सचिव मनीष सिंह ने सीएम को बताया कि लोक परिवहन सेवा के लिए इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम बना रहे हैं। यह देश का पहला सिस्टम होगा, जिसमें बस लोकेशन ट्रैकिंग, ऑटोमेटिक किराया संकलन, अलर्ट, शिकायत निवारण जैसे 18 मॉड्यूल होंगे।

मुख्यमंत्री: फायदे वाले रूट पर ही दौड़कर न रह जाएं बसें

मुख्यमंत्री ने पूरी कार्ययोजना देखी और परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव अनुराग जैन समेत अन्य अफसरों से राय ली। बोले-यह सरकार का सबसे बड़ा महत्वाकांक्षी और जनकल्याण से जुड़ा काम है। ध्यान रहे, बसें सिर्फ फायदे वाले रूटों तक ही न चलाएं। लोगों की जरूरत वाले रूट भी चिह्नित कर बसें दौड़ाएं।

सीएम के ये सुझाव

15 साल या उससे पुरानी बसें नहीं चलाई जाएं।

राज्यों के मॉडलों का एक बार और अध्ययन कराएं। जो अच्छा हो, उसे भी कार्ययोजना में शामिल करें।

मप्र यात्री परिवहन व इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी का लोगो प्रतियोगिता के आधार पर तय करें।

ऐसे तय होगा किराया

यात्री किराए का निर्धारण थोक मूल्य सूचकांक, श्रम दर, ईंधन दर, पूंजीगत लागत और वर्तमान किराये के आधार पर किया जाएगा। इसके अलावा अन्य मापदंड भी देखे जाएंगे।

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