मध्य प्रदेश में फिर बारिश का दौर, आज कई जिलों में अलर्ट

मध्यप्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन (अवदाब) के सक्रिय होने से प्रदेश में बारिश का नया दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार से सिस्टम का असर और बढ़ेगा। धार, बड़वानी, झाबुआ और अलीराजपुर में अगले दो दिन तक भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, इंदौर और उज्जैन सहित 24 जिलों में बादल छाए रहने और हल्की बारिश के आसार हैं। राजधानी भोपाल में शनिवार रात से ही रिमझिम का सिलसिला जारी है। शनिवार को भी भोपाल, उज्जैन, शाजापुर और पांढुर्णा समेत कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई। शाजापुर के अकोदिया और पांढुर्णा में तो सड़कों पर पानी बहने लगा। भोपाल में घने बादलों और धुंध के कारण विजिबिलिटी घटी, जो इस सीजन की पहली बड़ी धुंध मानी जा रही है।
इन जिलों में रहेगा डिप्रेशन का असर
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले 24 घंटों में इंदौर संभाग के धार, बड़वानी, झाबुआ और अलीराजपुर जिलों में ढाई से साढ़े चार इंच तक वर्षा दर्ज की जा सकती है। इसके अलावा इंदौर, उज्जैन, रतलाम, आगर-मालवा, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, सीहोर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश व गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। शेष जिलों में मौसम साफ रहेगा और धूप खिली रहेगी। मौसम विभाग ने 27 से 29 अक्टूबर तक प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश, गरज-चमक और आंधी का अलर्ट जारी किया है। इसका सबसे अधिक असर भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और जबलपुर संभागों में देखने को मिलेगा।
तापमान में उतार-चढ़ाव
पिछले कुछ दिनों में प्रदेशभर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई थी। कई इलाकों में रात का तापमान 15 डिग्री तक पहुंच गया था। शनिवार को हुई बारिश के बाद दिन का तापमान फिर से नीचे आया है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि बारिश रुकने के बाद रात के तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है।
मानसून विदा, लेकिन बरसात कायम
हालांकि प्रदेश से मानसून औपचारिक रूप से विदा हो चुका है। इस साल मानसून 16 जून को सक्रिय हुआ था और 13 अक्टूबर को विदाई ली, यानी लगभग चार महीने तक सक्रिय रहा।
फिर भी अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह बारिश मानसूनी अवशेषों और बंगाल की खाड़ी के नए सिस्टम के कारण हो रही है।
इस बार मानसून की हैप्पी एंडिंग
इस वर्ष मध्यप्रदेश में मानसून ने शानदार प्रदर्शन किया। भोपाल और ग्वालियर समेत 30 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। सबसे अधिक वर्षा गुना जिले में 65.7 इंच दर्ज की गई, जबकि श्योपुर में सामान्य से 216% अधिक पानी बरसा। वहीं शाजापुर जिला बारिश की कमी से जूझता रहा, जहां सीजन में सिर्फ 28.9 इंच (81.1%) वर्षा हुई। प्रदेश में औसतन 106% बारिश का अनुमान था, लेकिन इस बार 15% अधिक वर्षा दर्ज की गई। ग्वालियर-चंबल संभाग में तो सामान्य से दोगुनी बारिश हुई, जिससे पेयजल और सिंचाई दोनों के लिए पर्याप्त जल भंडारण सुनिश्चित हुआ है।





