मध्य प्रदेश: सीएम यादव से मिले जनसंपर्क आयुक्त दीपक सक्सेना

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हालिया प्रशासनिक फेरबदल सूची में जबलपुर के कलेक्टर रहे 2010 बैच के आईएएस अधिकारी दीपक कुमार सक्सेना को अब आयुक्त जनसंपर्क, भोपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस पद को सरकार और जनता के बीच संवाद का सेतु माना जाता है और इसे मुख्यमंत्री का भरोसेमंद दायित्व भी समझा जाता है। गुरुवार को नवागत आयुक्त दीपक सक्सेना ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में सौजन्य भेंट की।
सख्त और पारदर्शी छवि वाले अधिकारी
दीपक सक्सेना ने जबलपुर में जनवरी 2024 से कलेक्टर रहते हुए प्रशासनिक व्यवस्था में कई कड़े कदम उठाए। उन्होंने शिक्षा, खाद्य वितरण और राजस्व जैसे क्षेत्रों में सुधार करते हुए पारदर्शिता को प्राथमिकता दी। निजी स्कूलों की मनमानी रोकने से लेकर फर्टिलाइजर वितरण की टोकन प्रणाली तक, उनकी पहलें पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनीं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में सभी कलेक्टरों से कहा था कि वे जबलपुर की खाद्य वितरण प्रणाली से सीख लें।
भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों पर लगाम
अपने कार्यकाल में उन्होंने शिक्षा सामग्री, धान खरीदी, खाद वितरण, वेयरहाउस और अन्य कई घोटालों पर कार्रवाई की। कई मामलों में मुकदमे दर्ज कराए गए और दोषियों पर शिकंजा कसा गया। इन कदमों से आम नागरिकों को राहत मिली और प्रशासनिक कामकाज में सुधार हुआ। दीपक सक्सेना ने प्रशासनिक सेवा का असली उद्देश्य जनता की समस्याओं को दूर करना मानते हैं। इसी सोच के साथ उन्होंने जबलपुर में राजस्व रिकॉर्ड को आधुनिक स्वरूप में संरक्षित करने की पहल की और आम लोगों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाया।
गुना में जन्म और उज्जैन में बस गए
29 दिसंबर 1967 को गुना में जन्मे सक्सेना का परिवार बाद में उज्जैन में बस गया। उन्होंने गणित विषय से एमएससी की पढ़ाई की और शुरुआत में बैंक नौकरी भी की, लेकिन बाद में सिविल सेवा की ओर मुड़ गए। पीएससी से प्रशासनिक सेवा में आने के बाद वे आईएएस बने। अपने करियर में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के संचालक और मध्यप्रदेश राज्य भंडार गृह निगम भोपाल के प्रबंध संचालक जैसी अहम जिम्मेदारियां भी संभाल चुके हैं। व्यक्तिगत जीवन में भी उन्हें बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। दीपक सक्सेना की एक बेटी और बेटा था। पिछले वर्ष उनके बेटे अमोल सक्सेना का असमय निधन हो गया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने खुद को जनहित के कार्यों में समर्पित रखा।