मध्यप्रदेशराज्य

मध्य प्रदेश: स्वास्थ्य विभाग को छह महीने में मिलेंगे 20 हजार स्टॉफ

डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने घोषणा की है कि अगले छह महीने में मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को 20 हजार अतिरिक्त स्टॉक दिया जाएगा। उन्होंने दस्तक सह डायरिया अभियान की शुरुआत की।

राजधानी भोपाल में मंगलवार को दस्तक सह डायरिया अभियान की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि हमारे पास जो भी लोग आते हैं, वह कहते हैं कि बिल्डिंग तो अच्छी है। डॉक्टर्स भी दे दीजिए, पैरामेडिकल स्टॉफ भी दे दीजिए। यह चुनौती हमारे सामने थी। अगले छह महीने में 20 हजार एडिशनल मैन पॉवर स्वास्थ्य विभाग को मिलने वाला है। अब हमें काम करना है। बिल्डिंग इक्विपमेंट और मैन पावर देने की जिम्मेदारी सरकार की है। परफॉर्म करने की जिम्मेदारी आपकी है।

कार्यक्रम में स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा, 0 से पांच साल के बच्चे हमारा भविष्य हैं। इनको बचाने का काम हमारी टीम का है। निश्चित रूप से यह जो कार्यक्रम है, इसका क्रियान्वयन आपके ऊपर है। मेरा छोटा बेटा जब दो महीने का था, तब से उसके हार्ट में कुछ दिक्कत है। उसकी बीमारी की पहचान दो महीने में हो गई तो समय से इलाज शुरू हो गया। आज वह स्वस्थ है। हाल ही में मैंने आठ महीने की एक बच्ची को देखा। उसकी स्थिति बहुत गंभीर हो गई थी। यह उदाहरण इसलिए दे रहा हूं कि जैसे हमारे बच्चे हैं। ऐसे इस प्रदेश के जितने बच्चे हैं, उनकी चिंता आप सभी करेंगे।

31 जून तक प्रदेश घर में चलेगा दस्तक अभियान
मध्यप्रदेश में डायरिया से निपटने के लिए 25 जून से 31 अगस्त तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान बाल्य कालीन बीमारियों की पहचान एवं त्वरित उपचार सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में प्रतिवर्ष दस्तक अभियान संचालित किया जाता है। अभियान का प्रमुख उद्देश्य बाल मृत्यु प्रकरणों में कमी लाना है। इस कार्यक्रम में प्रदेश के भी जिलों के सीएमएचओ को बुलाया गया था।

ऐसे चलेगा दस्तक अभियान
स्वास्थ्य आयुक्त प्रियंका दास ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों में स्वास्थ्य विसंगतियों की जाएगी पहचान। दस्तक अभियान के अन्तर्गत बीमार नवजात और बच्चों की पहुंच, प्रबंधन एवं रेफरल एवं अस्पताल से छुट्टी प्राप्त बच्चों का फॉलोअप किया जाएगा। नौ महीने से 5 वर्ष के बच्चों में विटामिन ‘ए’ की खुराक का अनुपूरण और 0 से 5 आयु वर्ष के बच्चों में दस्त की पहचान एवं नियंत्रण के लिए ओआरएस एवं जिंक का वितरण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाएगा।

कई विभागों को दी गई जिम्मेदारी
31 जून तक प्रदेश भारत में दस्तक अभियान चलाया जाएगा। डायरिया की रोकथाम के लिए लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग, महिला बाल विकास विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि दस्त के मामलों को ट्रैक करने के लिए जिला स्तरीय टीम का गठन करें। ऐसे क्षेत्र जहां दस्त एवं अन्य रोगों के मरीजों की अधिकता हो उस क्षेत्र का नियमित रूप से डेटा का विश्लेषण कर विशेष व्यवस्थाएं की जाना सुनिश्चित करें। बच्चों में दस्त को रोकने के लिए रोटा वायरस टीकों को बढ़ावा दें और उनका प्रबंध करें।

सभी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ओरल रिहाइड्रेशन सोल्यूशंस और जिंक सप्लीमेंट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करें व सभी शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य संस्थाओं में ओआरएस कॉर्नर स्थापित करना सुनिश्चित करें। सभी शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य संस्थाओं में डायरिया प्रबंधन के लिए बिस्तर चिह्नांकित करते हुए आवश्यक दवाओं एवं मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करें। जन सामान्य में स्वच्छता, सेनिटेशन और साफ पेयजल के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए अभियान चलाएं। स्थानीय मीडिया, सामुदायिक बैठकें और स्कूलों को सम्मिलित करते हुए डायरिया से बचाव व डायरिया प्रबंधन की जानकारी प्रसारित करे।

सुरक्षित पेयजल पहुंचना सुनिश्चित करें
निर्देश में कहा गया है कि स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की पहुंच सुनिश्चित करें। इसलिए जल शुद्धिकरण कार्यक्रम को संचालित करते हुए जल शुद्धिकरण गोलियां व फिल्टर वितरित करें। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से प्रत्येक जल स्त्रोत की सुनिश्चित समयावधि में जांच करते हुए ये सुनिश्चित किया जाए की आमजन को प्रदाय किए जाने वाला जल संक्रमित न हो। विशेष रूप से ग्रामीण और अविकसित क्षेत्रों में सेनिटेशन सुविधाओं में सुधार करें। खुले में शौच को रोकने के लिए शौचालयों का निर्माण और उपयोग को बढ़ावा दें। जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने के लिए कचरा संग्रह और निपटान प्रणाली को बढ़ाएं। खाद्य प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक स्थानों में स्वास्थ्य और स्वच्छता मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करें।

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