अध्यात्म

महानवमी के दिन बन रहे ये मंगलकारी योग

आज यानी 01 अक्टूबर को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। इस तिथि पर मां दुर्गा की सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना करने का विधान है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां सिद्धिदात्री की उपासना करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस तिथि पर कन्या पूजन भी किया जाता है। कन्या पूजन के दिन कई योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।

तिथि: शुक्ल द्वितीया

मास पूर्णिमांत: अश्विन

दिन: मंगलवार

संवत्: 2082

तिथि: शुक्ल नवमी सायं 07 बजकर 01 मिनट तक

योग: 02 अक्टूबर को अतिगण्ड 12 बजकर 34 बजे तक

करण: बलव प्रातः 06 बजकर 38 बजे तक

करण: कौलव सायं 07 बजकर 01 बजे तक

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर

सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 07 मिनट पर

चंद्रमा का उदय: दोपहर 02 बजकर 28 मिनट पर

चन्द्रास्त: 02 अक्टूबर को रात 12 बजकर 53 मिनट पर

सूर्य राशि: कन्या

चंद्र राशि: धनु

पक्ष: शुक्ल

शुभ समय अवधि

अभिजीत मुहूर्त: कोई नहीं

अमृत काल: प्रातः 02 बजकर 31 मिनट से प्रातः 04 बजकर 12 मिनट तक

अशुभ समय अवधि
राहुकाल: दोपहर 12 बजकर 10 बजे से दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक

गुलिकाल: प्रातः 10 बजकर 41 मिनट से प्रातः 12 बजकर 10 मिनट तक

यमगण्ड: प्रातः 07 बजकर 43 मिनट से प्रातः 09 बजकर 12 मिनट तक

आज का नक्षत्र

आज चंद्रदेव पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में रहेंगे…

पूर्वाषाढ़ नक्षत्र- प्रातः 08 बजकर 06 मिनट तक

सामान्य विशेषताएं: लोकप्रिय, धार्मिक, आध्यात्मिक, साहसी, हंसमुख, बुद्धिमान, सलाहकार, दयालु, उदार, वफादार मित्र, खतरनाक शत्रु, लंबा कद, यात्रा प्रिय और विलासिता

नक्षत्र स्वामी: शुक्र देव

राशि स्वामी: बृहस्पति देव

देवता: अपस (ब्रह्मांडीय महासागर)

प्रतीक: हाथी का दांत और पंखा

महा नवमी का धार्मिक महत्व

नवरात्रि का नौवां दिन महा नवमी कहलाता है। यह दिन मां दुर्गा की सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना के लिए समर्पित होता है। माना जाता है कि इस दिन मां दुर्गा अपने भक्तों को शक्ति, ज्ञान और सिद्धि प्रदान करती हैं।

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