महाराष्ट्र में ई-बाइक टैक्सी सेवा के लिए मसौदा नियम जारी, राज्य सरकार ने पांच जून तक सुझाव मांगे

महाराष्ट्र सरकार ने ई-बाइक टैक्सी सेवा के लिए मसौदा नियम जारी किए हैं। इन नियमों के मुताबिक, सिर्फ 50 से अधिक ई-बाइक रखने वाली कंपनियों को लाइसेंस मिलेगा। ऐप से ही बुकिंग होगी। महिला सुरक्षा, बीमा, GPS, पुलिस वेरिफिकेशन और कंट्रोल रूम अनिवार्य होंगे। सरकार ने इन सभी नए नियमों को लेकर सुझाव पांच जून तक मांगे हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में ई-बाइक टैक्सी सेवाओं को लेकर नियमों का एक ड्राफ्ट (मसौदा) 22 मई को जारी किया है। इस मसौदे पर आम जनता और संबंधित पक्षों से पांच जून तक आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। यह ड्राफ्ट महाराष्ट्र बाइक टैक्सी नियम, 2025 नाम से जारी हुआ है।
नए नियम में महिलाओं की सुरक्षा पर खास जोर
केवल लाइसेंसधारी कंपनियां ही सेवाएं दे सकेंगी, जिनके पास कम से कम 50 इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों का बेड़ा हो।
टैक्सियों का पंजीकरण महाराष्ट्र में होना अनिवार्य है और सभी जरूरी बीमा, फिटनेस व परमिट होना चाहिए।
बाइक टैक्सी को सिर्फ डिजिटल माध्यम से ही बुक किया जा सकेगा, सड़क से सीधे सवारी लेना मना है।
बाइक का रंग पीला और उस पर ‘Bike Taxi’ लिखा होना जरूरी होगा। अधिकतम सफर 15 किलोमीटर तक ही हो सकेगा।
चालकों की उम्र 20 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उनके पास कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।
हर चालक की पुलिस जांच अनिवार्य होगी और हर तीन महीने में सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, ऐप में महिला सवारी के लिए महिला चालक चुनने का विकल्प होगा।
8 घंटे से ज्यादा कोई भी चालक ड्यूटी पर नहीं रहेगा और महिला चालकों की जानकारी सवारियों के साथ साझा नहीं की जाएगी।
बाइक टैक्सी की गति 60 किमी/घंटा से अधिक नहीं हो सकती और चालक व सवारी के बीच सेपरेटर (अलगाव सुविधा) जरूरी होगी।
बारिश के मौसम में सवारी के लिए रक्षा कवर (कवच) देना अनिवार्य होगा।
सेवा प्रदाताओं को चालक और सवारी दोनों के लिए 2 लाख रुपये तक का बीमा देना होगा।
हर कंपनी को लाइसेंस लेने के लिए 5 लाख रुपये का सुरक्षा जमा और 1 लाख रुपये आवेदन शुल्क देना होगा। लाइसेंस की अवधि 5 साल होगी।
हर ऑपरेटर को 24×7 कंट्रोल रूम और शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना होगा।
क्या है सरकार की इसका उद्देश्य?
राज्य सरकार की ओर से जारी मसौदे के उद्देश्य की बात करें तो इस पहल का मकसद राज्य के एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में ई-बाइक टैक्सी सेवाओं को बढ़ावा देना और 20,000 से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करना है।