महाराष्ट्र: राज्य निर्वाचन आयोग पर भड़के सीएम फडणवीस

महाराष्ट्र में कुछ जगहों पर आगामी निकाय चुनाव स्थगित होने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग का चुनाव स्थगित करने का फैसला पूरी तरह से गलत है। पैठण में मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि अंतिम समय में चुनाव स्थगित करना उन उम्मीदवारों के साथ अन्याय है, जो नामांकन की पूरी प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं।
निर्वाचन आयोग के फैसले से सीएम ने जताई नाराजगी
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘विचाराधीन याचिकाओं के चलते कुछ जगहों पर निकाय चुनाव स्थगित करने का फैसला अन्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय है।’ मुख्यमंत्री ने निर्वाचन आयोग के चुनाव स्थगित करने के फैसले की वैधानिकता पर सवाल खड़े किए। सीएम ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि निर्वाचन आयोग किससे सलाह ले रहा है, लेकिन जहां तक मुझे कानून का पता है, अगर कोई अदालत गया है तो इसके चलते चुनाव स्थगित नहीं किए जा सकते।’ राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को होने वाले निकाय चुनाव को कुछ जगहों पर स्थगित कर दिया है।
सीएम बोले- चुनाव आयोग के सामने उठाएंगे मामला
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कोई उम्मीदवार अगर नामांकन खारिज होने के चलते अगर अदालत गया है तो आखिरी समय पर चुनाव को ही स्थगित कर देना अन्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय है। चुनाव आयोग एक स्वतंत्र निकाय है और ये फैसला लेना उसका अधिकार है, लेकिन चुनाव को स्थगित करना पूरी तरह से गलत है।’ फडणवीस ने इस मामले को चुनाव आयोग के सामने उठाने की बात भी कही। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने भी राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले की आलोचना की और कहा कि नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद कभी भी चुनाव स्थगित नहीं किए गए हैं।
‘पिछली सरकारों ने शहरों को नजरअंदाज किया’
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को दावा किया कि पिछली सरकारों ने शहरों के विकास को नजरअंदाज किया, और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरी इलाकों के लिए योजनाएं शुरू कीं, क्योंकि देश की जीडीपी का 65 प्रतिशत वहीं से आता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 65 वर्षों से शहरों के लिए कोई स्कीम नहीं थी, और इस वजह से अतिक्रमण और झुग्गियां बनीं, और पानी की समस्याएं और कचरे की समस्याएं हुईं।



