महाराष्ट्र सरकार की शराब नीति की खिलाफ अन्ना हजारे ने भूख हड़ताल की स्थगित, जानिए वजह
मुंबई, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे सुपरमार्केट और किराने की दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ पिछले सप्ताह सोमवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा की थी लेकिन अब उन्होंने अपनी प्रस्तावित भूख हड़ताल को स्थगित करने का फैसला किया है।
हजारे ने कहा, ‘मैंने महाराष्ट्र सरकार की शराब नीति के खिलाफ अपनी प्रस्तावित भूख हड़ताल को स्थगित करने का फैसला किया है। मुझे संबंधित विभाग के सचिव से एक पत्र मिला जिसमें उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि नीति को लागू करने से पहले लोगों के निर्णय पर विचार किया जाएगा।”
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते हजारे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि राज्य के लोगों ने मांग की है कि सुपरमार्केट और वॉक-इन दुकानों पर शराब की बिक्री की अनुमति देने वाली नीति को तुरंत वापस लिया जाए। रविवार को अपने गांव में हुई बैठक के दौरान हजारे ने कहा कि शराब बेचने के लिए बीयर बार, परमिट रूम और दुकानें बहुत हैं, फिर सरकार इसे सुपरमार्केट और किराना स्टोर में क्यों बेचना चाहती है? उन्होंने पूछा क्या वह इस लत को फैलाना चाहता है?
कार्यकर्ता ने दावा किया, “महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान, मैंने उनसे कहा था कि मेरा राज्य में रहने का मन नहीं है, जिसके बाद सरकार ने अपने फैसले पर फिर से विचार करना शुरू कर दिया।” हजारे ने कहा कि शराब महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज और संत तुकाराम महाराज रहा करते थे।
उन्होंने कहा “सुपरमार्केट में शराब की बिक्री हमारी संस्कृति को नष्ट कर देगी।” हजारे ने बताया कि जब राज्य सरकार के अधिकारी उनसे मिलने आए तो मैंने उनसे कहा कि उन्हें शराब नीति पर निर्णय लेने से पहले लोगों के विचारों को ध्यान में रखना चाहिए था। यहां लोकतंत्र है, तानाशाही नहीं। इसलिए, नागरिकों से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित करने के बाद ही निर्णय लिया जाना चाहिए, और लोगों को अपने विचार रखने के लिए तीन महीने का समय दिया जाना चाहिए।