मुंबई की सड़कों से भीड़ कम करने के लिए ‘पाताल लोक’ योजना

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार मुंबई में ट्रैफिक जाम और भीड़ की समस्या को कम करने के लिए एक बड़ा भूमिगत सुरंग नेटवर्क बना रही है। इसे उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में पाताल लोक यानी समानांतर सड़क व्यवस्था बताया।
पाताल लोक शब्द इसी नाम की एक चर्चित वेब सीरीज की वजह से लोकप्रिय हुआ है। फडणवीस ने इसी शब्द का इस्तेमाल प्रस्तावित भूमिगत सड़क नेटवर्क को समझाने के लिए किया। हालांकि, पाताल लोक जमीन से नीचे की एक दुनिया को भी माना जाता है।
आईआईएमयूएन (इंडियाज इंटरनेशनल मूवमेंट टू यूनाइट नेशंस) के यूथ कनेक्ट सत्र में उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सुरंगों का जाल कई दिशाओं में फैला होगा और पूरे शहर को कवर करेगा। उन्होंने कहा, “हम मुंबई शहर में पूरी तरह से भीड़भाड़ कम करने के लिए एक पाताल लोक, यानी सुरंगों का नेटवर्क बना रहे हैं।” यह नेटवर्क मौजूदा प्रमुख रास्तों के समानांतर व्यवस्था के तौर पर काम करेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह व्यवस्था मौजूदा सड़कों के समानांतर चलेगी और बढ़ते मेट्रो कॉरिडोर इस योजना को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि दक्षिण मुंबई से भायंदर (ठाणे जिले) तक बनने वाली कोस्टल रोड वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के लिए बिना रुकावट वाला समानांतर मार्ग बनेगी। उन्होंने कहा, “मुंबई की 60 फीसदी आबादी वेस्टर्न एक्सप्रेसवे पर चलती है। जब तक इस पर भीड़ (वाहनों की) कम नहीं की जाती, समाधान संभव नहीं है।” उन्होंने कहा, “हम समानांतर सड़कों का नेटवर्क बना रहे हैं। जहां आपके वाहन की औसत गति 80 किमी प्रति घंटे होगी।”
फडणवीस ने निर्माणाधीन कई सुरंग परियोजनाओं का जिक्र किया, जिनमें ठाणे-बोरीवली और मुलुंड-गोरगांव शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व-पश्चिम के बीच की कनेक्टिविटी सुधरेगी। बोरीवली और गोरेगांव के बीच समानांतर सड़क और अगले वर्ष तक तैयार होने वाला वर्ली-शिवड़ी कनेक्टर अटल सेतु से बांद्रा-वर्ली सी लिंक तक बिना रुकावट की यात्रा सुनिश्चित करेगा। उन्होंने बताया कि अटल सेतु से गिरगांव चौपाटी तक ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के रास्ते में बनने वाली सुरंग तीन वर्षों में पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह मौजूदा ट्रैफिक जाम का समाधान होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मुंबई वन नाम की एकीकृत एप लॉन्च की गई है, जो मेट्रो ट्रेन, उपनगरीय लोकल ट्रेन और बेस्ट बसों के लिए एक ही टिकट की सुविधा देगा। उन्होंने कहा कि करीब 90 लाख लोग रोजाना उपनगरीय ट्रेनों से यात्रा करते हैं। इतने बदलावों के बावजूद दूसरी श्रेणी का किराया एक रुपये भी नहीं बढ़ाया जाएगा और सभी लोकल सेवाओं को धीरे-धीरे एयर-कंडीशन्ड बनाया जाएगा।


