मेक्सिको के नए टैरिफ पर भारत सतर्क, मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता की तैयारी

विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता भारतीय कंपनियों को ऊंचे शुल्कों से राहत दिला सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि ऑटोमोबाइल, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, दवा, कपड़ा और प्लास्टिक जैसे क्षेत्रों पर इसका असर पड़ सकता है।
भारत ने मेक्सिको की ओर से आयात शुल्क बढ़ाने के फैसले पर चिंता जताई और सधी हुई प्रतिक्रिया दी। भारत ने कहा कि वह इस मुद्दे पर मेक्सिको के साथ लगातार संपर्क में है और आपसी हितों वाले समाधान तलाशे जा रहे हैं। भारत ने स्पष्ट किया कि जरूरत पड़ने पर वह अपने निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
मुक्त व्यापार समझौता पर चर्चा
नए शुल्क उन देशों पर लगाए जा रहे हैं, जिनका उत्तर अमेरिकी देश मेक्सिको के साथ मुक्त व्यापार समझौता नहीं है। इनमें भारत, चीन, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं। मेक्सिको की संसद ने 11 दिसंबर को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके तहत करीब 1,463 उत्पादों पर 5 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगाया जाएगा। ये शुल्क अगले महीने 1 जनवरी से लागू होंगे, हालांकि किन उत्पादों पर शुल्क लगेगा, इसकी सूची अभी जारी नहीं हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, भारत ने 30 सितंबर को ही मेक्सिको के अर्थव्यवस्था मंत्रालय के सामने यह मुद्दा उठाया था और भारतीय निर्यात को बचाने के लिए विशेष रियायतों की मांग की थी। केंद्रीय वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल और मेक्सिको के उप मंत्री लुईस रोसेंडो के बीच उच्चस्तरीय बैठक भी हो चुकी है।
मेक्सिको को 5.75 अरब डॉलर का निर्यात
दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत शुरू करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं। इसके लिए शर्तें जल्द तय होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता भारतीय कंपनियों को ऊंचे शुल्कों से राहत दिला सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि ऑटोमोबाइल, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, दवा, कपड़ा और प्लास्टिक जैसे क्षेत्रों पर इसका असर पड़ सकता है। वर्ष 2024-25 में भारत का मेक्सिको को निर्यात 5.75 अरब डॉलर और आयात 2.9 अरब डॉलर रहा।




