मोतीलाल ओसवाल की पसंद: ये दो ऑटो स्टॉक्स कराएंगे मुनाफा

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज रिसर्च ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर लगातार सुधार के दौर से गुजर रहा है, जिसे विभिन्न सेक्टरों में माँग में सुधार, त्योहारों के दौरान मजबूत उत्साह और सप्लाई चेन की कम होती बाधाओं से सहारा मिल रहा है।
पहली तिमाही में सुस्त प्रदर्शन के बाद, वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में इंडस्ट्री में बड़े स्तर पर सुधार देखने को मिला है, जिसका श्रेय कमर्शियल वाहनों (सीवी) और दोपहिया वाहनों में सुधार को जाता है। वहीं यात्री वाहन (पीवी) सेगमेंट में भी यूटिलिटी व्हीकल (यूवी) के दम पर मजबूती दिखी है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर को बेहतर होते ग्रामीण सेंटीमेंट, व्हीकल फाइनेंसिंग की बेहतर उपलब्धता और विभिन्न कैटेगरियों में नए मॉडलों के लॉन्च की एक मजबूत सीरीज से लाभ मिल रहा है। इसी के दम पर मोतीलाल ओसवाल ने दो शेयर खरीदने की सलाह दी है।
मारुति सुजुकी
मारुति सुजकी का शेयर इस समय 15,678.55 रुपये पर है, जबकि इसका टार्गेट 18,712 रुपये का है। यानी एक शेयर पर 3033 रुपये का लाभ।
मोतीलाल ओसवाल ने कहा है कि मारुति सुजुकी प्रोडक्ट डायवर्सिफिकेशन, एक्सपोर्ट एक्सपेंशन और टेक्नोलॉजिकल एडवांस्टमेंट पर फोकस्ड एक क्लियर रणनीति के जरिए भारत के यात्री वाहन बाजार में अपनी लीडरशिप को मजबूत कर रही है।
कंपनी के बढ़ते एसयूवी पोर्टफोलियो, जिसमें विक्टोरिस और ई-विटारा जैसे आगामी मॉडल शामिल हैं, से इसका मार्केट स्टेटस मजबूत होने और बड़े ग्राहक आधार को आकर्षित करने की उम्मीद है। हाल ही में जीएसटी रेट में कटौती ने स्मॉल कार सेगमेंट में मांग को फिर से पटरी पर ला दिया है। स्मॉल कार सेगमेंट एक ऐसा सेक्टर है, जिसमें मारुति की मजबूत उपस्थिति है। यही सेगमेंट इसकी सेल्स ग्रोथ को और बढ़ावा दे रहा है।
कंपनी की मजबूत निर्यात रफ्तार, प्रोडक्ट मिक्स का विस्तार और ऑपरेशंस में लगातार बेहतरी, सभी कारोबारी साइकिलों में ग्रोथ को बनाए रखने की इसकी क्षमता को उजागर करती है। मजबूत ब्रांड इक्विटी, बेहतर डिस्ट्रिब्यूशन और अनुशासित एग्जीक्यूशन के साथ, मारुति सुजुकी भारत के तेजी से डेवलप हो रहे ऑटोमोबाइल आउटलुक में लीडरशिप बनाए रखते हुए अपनी लॉन्ग टर्म मार्केट हिस्सेदारी और प्रॉफिटैबिलिटी टार्गेट को हासिल करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
अशोक लेलैंड
शुक्रवार को अशोक लेलैंड का शेयर 148.25 रुपये पर बंद हुआ था, जबकि इसका टार्गेट 165 रुपये है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि अशोक लेलैंड एक डायवर्सिफाइड और बेहतर कमर्शियल व्हीकल कंपनी के रूप में अपनी स्थिति को लगातार मजबूत कर रही है, जो एक बैलेंस्ड पोर्टफोलियो, नॉन-ट्रक सेगमेंट्स के विस्तार और लगातार मार्जिन सुधार पर आधारित है।
हल्के कमर्शियल व्हीकल्स, डिफेंस, पुर्जों और पावर सॉल्यूशंस पर कंपनी के बढ़ते फोकस ने ट्रक बिजनेस में चक्रीयता को कम करने में मदद की है। यानी एक समय पर एक सेगमेंट में निर्भरता को कम किया है। इससे स्थिर प्रॉफिटैबिलिटी को भी बढ़ावा मिला है।
हाल ही में जीएसटी दरों में कटौती से कंजम्पशन और माल ढुलाई की मांग में वृद्धि की संभावना के साथ, एलसीवी और एमएचसीवी दोनों सेगमेंट धीरे-धीरे सुधार के लिए तैयार हैं। अशोक लेलैंड की मजबूत प्रोडक्ट पाइपलाइन, जिसमें नए टिपर वेरिएंट, लंबी दूरी की बसें और बायोफ्यूल मॉडल शामिल हैं, से इसकी ग्रोथ को सहारा मिलने की उम्मीद है।
वहीं इलेकट्रिफिकेशन के मोर्चे पर, स्विच मोबिलिटी के सुधरते फाइनेंशियल मैट्रिक्स और बड़े पैमाने पर ई-बस टेंडर्स में भागीदारी लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए एक महत्वपूर्ण फैक्टर हैं।
सही तरीके से कैपिटल एलोकेशन, नेट कैश बैलेंस शीट और ऑपरेटिंग एफिशिएंसी पर क्लियर फोकस के साथ, अशोक लेलैंड हेल्दी मार्जिन बनाए रखने और भारत में बढ़ती कमर्शियल मोबिलिटी ईकोसिस्टम का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है।

