मध्यप्रदेशराज्य

मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया आध्यात्मिक कॉन्क्लेव का शुभारंभ

उज्जैन में आयोजित द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन कॉन्क्लेव का आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में देश-विदेश के 300 से अधिक आध्यात्मिक गुरू, विचारक और विशेषज्ञ शामिल हुए। मुख्य वक्ता के रूप में आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया।

आध्यात्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत पर फोकस
यह कॉन्क्लेव आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने, भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और जिम्मेदार आतिथ्य पर विचार-विमर्श का महत्वपूर्ण मंच है। आयोजन का उद्देश्य भारत की समृद्ध आध्यात्मिक परंपराओं को आधुनिक दृष्टिकोण के साथ दुनिया के सामने प्रस्तुत करना और उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ-2028 की तैयारियों पर चर्चा करना है।

ज्योतिर्लिंग सर्किट और मंदिर अर्थव्यवस्थाओं पर विशेष सत्र
कॉन्क्लेव में PHDCCI-KPMG द्वारा तैयार आध्यात्मिक पर्यटन पर विशेष रिपोर्ट भी जारी की गई। कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में ‘ज्योतिर्लिंग सर्किट’ पर चर्चा होगी, जिसमें भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों के महत्व और संरक्षण पर विचार किया जाएगा। वहीं ‘मंदिर अर्थव्यवस्थाएं’ सत्र में प्रमुख मंदिरों जैसे तिरुपति, वैष्णो देवी और काशी विश्वनाथ मंदिरों द्वारा स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलने वाले लाभ पर चर्चा की जाएगी।

उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति और शहरी भविष्य
एक विशेष सत्र “महाकाल का मंडल: उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति और शहरी भविष्य” उज्जैन शहर के आध्यात्मिक महत्व, श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और सिंहस्थ कुंभ के प्रभाव पर केंद्रित रहेगा।

आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम
कॉन्क्लेव में “मन, शरीर और आत्मा: नई आध्यात्मिक सीमा के रूप में कल्याण” और “डिजिटल में दिव्य – आध्यात्मिकता 2.0” जैसे सत्र आयोजित किए गए। इनमें योग, ध्यान, आयुर्वेद के साथ डिजिटल तकनीकों जैसे वर्चुअल दर्शन, एआई और वीआर के माध्यम से आध्यात्मिकता को कैसे सुलभ बनाया जा सकता है, इस पर भी विचार होगा। कार्यक्रम का समापन प्रतिनिधियों को श्री महाकालेश्वर और श्री काल भैरव मंदिरों के दर्शन के साथ होगा।

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