मौत को दस्तक दे रहीं मुंबई की गगनचुंबी इमारतें, हर समय बना रहता जान का खतरा
भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में रह रहे लोगों के लिए हर वक्त मौत का खतरा मंडराता रहता है। हर साल तटीय शहर में मूसलाधार मानसूनी बारिश के चलते औपनिवेशिक युग की कुछ जर्जर इमारतें ढह जाती हैं, इस वजह से इमारतो में रह रहे लोगों के लिए हमेशा जान-माल का खतरा बना रहता है। इसको लेकर कार्यालय कर्मचारी विक्रम कोहली का भी बयान सामने आया है।
कार्यालय कर्मचारी विक्रम कोहली ने कहा, ‘यह उस बिस्किट को देखने जैसा था जो चाय में डालने के बाद टूट जाता है। उन्होंने कहा, कैसे वह जुलाई में एक चार मंजिला इमारत के आंशिक रूप से ढह जाने से मरने से बाल-बाल बच गया था।’
कितना है इमारत का किराया ?
वहीं अगर इसके किराए की अगर बात करें तो ग्लोबल प्रॉपर्टी गाइड के अनुसार, मुंबई में किराये की दरें भारत में सबसे अधिक हैं, एक कमरे के अपार्टमेंट का औसत किराया 40000 रुपये है। घाटकोपर में खतरनाक के रूप में वर्गीकृत तीन मंजिला इमारत में, जयेश रामभिया लगभग 500 रुपये प्रति माह पर एक छोटा सा अपार्टमेंट किराए पर लेते हैं।
मकान खाली करने के लिए दिया था नोटिस
शहर के अधिकारियों ने तीन साल पहले मरम्मत के लिए मेगासिटी के व्यस्त ग्रांट रोड इलाके में स्थित एक सदी पुरानी इमारत को लाल झंडी दिखा दी थी।
बता दें कि सरकार ने जून में मकान खाली करने के लिए चेतावनी नोटिस भी जारी किया, लेकिन निवासियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
13,000 से ज्यादा इमारतों को मरम्मत की आवश्यकता
राज्य आवास प्राधिकरण ने कहा, ‘किसी ने भी परिसर खाली नहीं किया।’ इमारत में पले-बढ़े रामभिया ने कहा कि अगर उन्हें मुआवजा दिया जाए तो वह इसे छोड़ने पर विचार करेंगे क्योंकि उन्हें पास के समान अपार्टमेंट के लिए लगभग 10 गुना अधिक भुगतान करना होगा।
राज्य के महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने कहा कि 13,000 से अधिक इमारतों को ढहने से बचाने के लिए ‘निरंतर मरम्मत’ की आवश्यकता है।