यदि 3 महीने से ज्यादा समय से बना हुआ है कमर का दर्द तो न करें इग्नोर, एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस की हो सकती है समस्या
Ankylosing spondylitis यदि कमर का दर्द 3 महीने से ज्यादा समय से बना हुआ है तो स्पेशलिस्ट को दिखाना जरूरी है क्योंकि यह किसी गंभीर समस्या का लक्षण भी हो सकता है जैसे- एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (एएस)। यह दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है। जीवनशैली से जुड़ी इस समस्या को लेकर जागरूकता की कमी के कारण, कई लोग मैकेनिकल बैक पेन और इंफ्लेमेटरी बैक पेन में अंतर नहीं कर पाते हैं।
डॉ. वेद चतुर्वेदी, कंसल्टिंग रूमैटोलॉजिस्ट, सर गंगा राम हॉस्पिटल, दिल्ली का कहना है, “एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस एक ऑटो इंफ्लेमेटरी डिजीज है, जिसका कारण अज्ञात है, हालांकि चिकित्सा अनुसंधान के आधार पर यह पाया गया है कि एचएलए बी 27 जीन और आंतों के बैक्टीरिया इस स्थिति के लिए सहायक कारक हैं। इस स्थिति से पीड़ित मरीजों को वास्तव में अपनी जीवनशैली के प्रति सचेत रहना चाहिए और सकारात्मक और सक्रिय जीवनशैली अपनाने पर ध्यान देना चाहिए। अगर किसी को पीठ के निचले हिस्से में सूजन और निचले अंगों के आर्थराइटिस का पता चलता है, तो उन्हें तुरंत एक रूमैटोलॉजिस्ट से परामर्श करना चाहिए, जिससे इसका सटीक उपचार किया जा सके।“
डॉ. पी डी रथ, कंसल्टेंट रूमैटोटॉलिजस्ट, मैक्स हॉस्पिटल, नई दिल्ली का कहना है, “एएस जैसी स्थिति में, रोगियों को सक्रिय रहना चाहिए और अपने जोड़ों तथा मांसपेशियों को दिनभर चलायमान रखना चाहिए, इससे सूजन को कम करने में मदद मिलती है। जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से एएस के साथ जीवन जीने के रास्ते को आसान बनाया जा सकता है, जैसे समय-समय पर सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सिस्टमैटिक सूजन का एक सूचक) की जांच, नियमित व्यायाम, ओमेगा 3 से भरपूर सेहतमंद खाना, अलसी, फल और सब्जियां लेना आवश्यक है। नियमित रूप से ध्यान करना या उन्नत दवाओं का इस्तेमाल जैसे बायोलॉजिक्स से इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रण में रखा जा सकता है।”
यह समझना जरूरी है कि भले ही एएस का कोई विशेष इलाज न हो, लेकिन यह एक प्रबंधनीय स्थिति है। रोगियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे संबंधित जीवनशैली और आहार में बदलाव के साथ-साथ अपनी उपचार योजना का पालन करें जो रोग की गति को कम करने की दिशा में काम कर सके।