दिल्लीराज्य

यमुना की सफाई के लिए एक्शन मोड में दिल्ली सरकार

कई साल से फाइलों और घोषणाओं में उलझी यमुना सफाई अब सीधे कार्रवाई के रास्ते पर आ गई है। दिल्ली सरकार ने यमुना में गिरने वाले नालों को प्रदूषण के स्रोत पर ही रोकने के लिए 32 अत्याधुनिक हाई-कैपेसिटी सफाई मशीनों की तैनाती को मंजूरी दी है। मार्च तक सभी मशीनें पूरी तरह ऑपरेशनल होंगी और अभियान की शुरुआत नजफगढ़ ड्रेन से की जाएगी, जिसे यमुना का सबसे बड़ा प्रदूषण स्रोत माना जाता है।

यमुना को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए सरकार ने इस बार प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि तकनीक आधारित और लगातार चलने वाला अभियान शुरू किया है। इस बार योजना का मकसद साफ है, बिना उपचारित कीचड़, सिल्ट और ठोस कचरे को यमुना में पहुंचने से पहले ही नालों में रोका जाएगा। अब तक पारंपरिक तरीके नाकाम रहे हैं। इसके लिए बड़े स्तर पर यांत्रिक सफाई की जाएगी। पहले चरण में नजफगढ़ ड्रेन की गहरी सफाई की जाएगी। यहां काम पूरा होने के बाद मशीनों को अन्य प्रमुख नालों और यमुना के चिन्हित हिस्सों में तैनात किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबकि, ये अभियान दिन-रात चलेगा और हटाए गए कचरे व सिल्ट का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाएगा।

इसी महीने योजना का पहला कदम उठाया
एक एम्फीबियस मल्टी पर्पज ड्रेजर फिनलैंड से दिसंबर के अंतिम सप्ताह में दिल्ली पहुंचेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नदी और वेटलैंड पुनर्जीवन में इस्तेमाल होने वाली ये मशीनें जनवरी से पूरी क्षमता के साथ काम शुरू करेंगी। इससे यांत्रिक सफाई की रफ्तार कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा है कि यमुना सफाई अब बयानबाजी तक सीमित नहीं रहेगी। इस बार मशीनें जमीन पर उतरेंगी और नतीजे दिखेंगे।

पहले की लापरवाही पर उठाए सवाल
मंत्री ने पिछली सरकार की लापरवाही पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यमुना में आज जो हालात हैं, वे लंबे समय की अनदेखी और पुराने सिस्टम का नतीजा हैं। अब आधुनिक मशीनें, सख्त निगरानी और तय जवाबदेही के साथ इस चक्र को तोड़ा जाएगा। भारी प्रदूषण भार को देखते हुए नजफगढ़ ड्रेन को प्राथमिकता दी गई है। सरकार की रणनीति है कि नाले साफ होंगे तो प्रदूषण अपने आप घटेगा और यमुना में सुधार साफ नजर आएगा। मंत्री ने साफ कहा कि इस काम में न कोई बहाना चलेगा और न कोई ढिलाई।

आधुनिक मशीनें तेजी से करेंगी सफाई
अधिकारियों के मुताबिक, एम्फीबियस मशीनें गहरे, दलदली और जलभराव वाले इलाकों में भी काम कर सकेंगी, जबकि हॉपर बार्ज सफाई सामग्री को तेजी से हटाने में मदद करेंगी। रोजाना प्रगति की निगरानी और विभागों के बीच तालमेल की व्यवस्था भी की गई है, ताकि यह अभियान किसी मौसम तक सीमित न रहे। सरकार का दावा है कि मशीनें, मैनपावर और राजनीतिक इच्छाशक्ति एक साथ मैदान में उतर रही हैं। मंत्री ने कहा कि संदेश साफ है, यमुना सफाई अब इरादों से आगे बढ़कर स्थायी कार्रवाई की ओर बढ़ चुकी है।

यमुना सफाई के लिए लाई जा रहीं 32 विशेष मशीनें
8 लॉन्ग बूम एम्फीबियस एक्स्केवेटर
6 लॉन्ग बूम हाइड्रोलिक एक्स्केवेटर
2 एम्फीबियस मल्टी पर्पज ड्रेजर
6 सेल्फ प्रोपेल्ड, सेल्फ अनलोडिंग हॉपर बार्ज
3 मिनी एम्फीबियस एक्स्केवेटर
2 वीड हार्वेस्टर मशीनें
2 व्हील्ड स्किड स्टीयर लोडर
2 क्रॉलर मिनी हाइड्रोलिक एक्स्केवेटर
1 सुपर सकर कम जेटिंग मशीन

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