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यूएसएड बंद होने से भारत पर भी पड़ेगा असर

अमेरिका की यूएसएड एजेंसी के बंद करने की घोषणा से दुनियाभर में खलबली है। यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) की सहायता से कई देशों में स्वास्थ्य, जलवायु, विकास, खाद्य सुरक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में संचालित योजनाओं के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।

भारत में चल रही योजनाओं पर पड़ेगा असर

भारत भी इससे अछूता नहीं रहेगा, क्योंकि यहां भी यूएसएड के माध्यम से कई योजनाएं चल रही हैं। विशेषज्ञों ने भी भारत में स्वास्थ्य, जल, सफाई व स्वच्छता और जलवायु से संबंधित प्रमुख कार्यक्रमों के प्रभावित होने की चेतावनी दी है। आइए जानते हैं कि भारत में इस एजेंसी की क्या भूमिका है।

70 वर्षों से भारत में कार्यरत

यूएसएड ने भारत में कार्यरत अपने साझेदारों को योजनाएं रोकने का निर्देश दिया है। यह अमेरिकी एजेंसी भारत में 70 वर्ष से स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में काम कर रही है। चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत को यूएसएड के माध्यम से 14 करोड़ डॉलर मिले हैं।

लाखों जान बचाने में की मदद

ययूएसएड मातृ एवं शिशु मृत्यु दर, टीबी, एचआइवी और कोविड-19 महामारी सहित विभिन्न स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए भारत सरकार के साथ काम करती है। 1990 से यह एजेंसी भारत में 20 लाख से अधिक बच्चों को बचाने में मदद की है। यूएसएड की सहायता से निमोनिया से 25 हजार और दस्त से 14 हजार मौतों को रोकने में मदद मिली।

शिक्षा के लिए कर रही काम

यूएसएड और उसके सहयोगी भारत के 16 राज्यों में नौ भाषाओं में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए काम कर रहे हैं। इस अमेरिकी एजेंसी ने भारत के साक्षरता अभियान ‘पढ़े भारत बढ़े भारत’ का समर्थन किया है, जो 20 लाख से अधिक छात्रों तक पहुंचा है। यूएसएड समर्थित कार्यक्रमों से 61 हजार से अधिक शिक्षकों को बेहतर शिक्षण कौशल में प्रशिक्षित किया है।

स्वच्छ भारत अभियान का समर्थन

यूएसएड ने 2014 में शुरू किए गए भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान का समर्थन किया है। इसने तीन लाख से अधिक लोगों के लिए शौचालय तक पहुंच बनाने में मदद की है। इसने जल, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काम किया है।

किसानों ने अपनी पैदावार बढ़ाई

यूएसएड समर्थित उन्नत प्रौद्योगिकियों और प्रबंधन पद्धतियों को अपनाकर 1.32 लाख से अधिक किसानों ने अपनी पैदावार बढ़ाई है। इससे आय बढ़ाने में मदद मिली। अमेरिकी एजेंसी ने भारत की सबसे बड़ी मौसम सेवा कंपनी के साथ मिलकर नौ राज्यों में स्वचालित मौसम स्टेशनों के नेटवर्क के विस्तार में मदद की है।

विशेषज्ञों का क्या है कहना

अरबपति एलन मस्क ने सोमवार को यह घोषणा की कि राष्ट्रपति ट्रंप ने यूएसएड को बंद करने पर सहमति जताई है। भारत में विकास के क्षेत्र में कार्यरत एक एनजीओ की प्रमुख ने कहा कि यूएसएड के बंद होने से बड़ा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि यह एजेंसी कई मुद्दों से निपटने में सबसे आगे रही है। जबकि पापुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुटरेजा ने यूएसएड को बंद करने की आलोचना की।

उन्होंने कहा कि यूएसएड मानवीय प्रयासों में सबसे आगे रही है, जिसने दुनिया की कुछ सबसे कमजोर आबादी को जीवन रक्षक सहायता प्रदान की है। हालांकि एक विशेषज्ञ ने कहा कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था कुछ तात्कालिक प्रभावों की भरपाई कर सकती है, लेकिन सूडान, यूक्रेन और युगांडा जैसे अन्य देशों को इससे अधिक नुकसान होगा।

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