यूपीपीएससी परीक्षा: चार सेटों में पेपर के लिए लाया जाएगा अध्यादेश
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) भर्ती परीक्षाओं को फूलप्रूफ बनाने के लिए चार सेटों में प्रश्नपत्र प्रकाशित करवाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग अधिनियम में संशोधन करना होगा। इस संबंध में शीघ्र ही अध्यादेश लाने के लिए उच्चस्तर पर सहमति बन गई है। इसलिए जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।
इससे माना जा रहा है कि लोकसभा आयोग की हाल ही में कराई जाने वाली परीक्षाएं टल भी सकती हैं। इस संबंध में अमर उजाला पहले ही 8 अगस्त को प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर चुका है। यूपी में समूह ‘क’ और ‘ख’ के पदों पर भर्ती का अधिकार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पास है। लोकसेवा आयोग ने फरवरी 2024 में आयोजित कराई गई सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा की शुचिता को ध्यान में रखते हुए इन्हें रद्द कर दिया था। योगी सरकार भर्ती परीक्षाओं को लेकर गंभीर है। सरकार चाहती है कि भर्ती परीक्षाओं में हरस्तर पर सेंधमारी रोकी जाए।
प्रदेश सरकार ने भर्ती बोर्ड और चयन आयोगों की प्रतियोगी परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों को खत्म करने के लिए जून में ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने कुछ समय पहले मुख्य सचिव के सामने भर्ती परीक्षाओं को लेकर प्रस्तुतीकरण भी दिया था। इसमें तीन सेटों के स्थान पर चार सेटों में पेपर तैयार करने का सुझाव दिया गया था। इसमें निजी प्रिंटिंग प्रेस के बजाय राजकीय प्रिंटिंग प्रेस में ही प्रश्नपत्र छपवाने पर भी चर्चा हुई थी।
उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुतीकरण के बाद उच्च स्तर पर इसको लेकर सहमति बन गई है। इसके आधार पर अब लोकसेवा आयोग की सभी भर्ती परीक्षाओं के लिए चार सेटों में प्रश्नपत्र तैयार होंगे। परीक्षा में इसे रेंडम (औचक) आधार पर बांटा जाएगा। लोकसेवा आयोग का तर्क है कि प्रश्नपत्र किस सेट का बांटा जाएगा, इसकी जानकारी किसी को नहीं होगी। रेंडम आधार पर तय होने के बाद पेपर लीक होने की घटनाओं पर काफी हद तक लगाम लग सकेगी।