यूपी: अब आउटसोर्सिंग कर्मियों में श्रेणी तीन व चार के लिए नहीं होगा इंटरव्यू

उत्तर प्रदेश में चल रहे उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (यूपीकॉस) का कंपनी एक्ट के तहत गठन के तहत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही सचिवालय प्रशासन ने संबंधित विभागों से सुझाव भी मांगे हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि श्रेणी तीन व चार के लिए साक्षात्कार नहीं होगा। अभ्यर्थियों की शैक्षिक योग्यता व लिखित परीक्षा के आधार पर इनका चयन होगा।
सचिवालय प्रशासन की ओर से पिछले दिनों मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली बैठक का हवाला देते हुए चार दिन में लिखित रूप से सुझाव मांगे गए हैं। निर्देश के अनुसार अभ्यर्थियों की तैनाती के लिए सेवायोजन विभाग द्वारा तैयार पोर्टल पर रजिस्टर्ड लोगों से आवेदन लेकर सेवा ली जाएगी। अभ्यर्थियों की पारिवारिक आय, आयु, शैक्षिक योग्यता, लिखित परीक्षा, साक्षात्कार व स्थानीय स्तर के पद के आधार पर सेवाएं ली जाएंगी।
विधवा, तलाकशुदा, महिलाओं को वरीयता
हालांकि श्रेणी तीन व चार के पदों पर साक्षात्कार नहीं होगा। इसमें विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिलाओं को वरीयता दी जाएगी। आउटसोर्सिंग एजेंसियां चयनित कार्मिकों की सूची यूपीकॉस को भेजेंगी। अंतिम रूप से चयनित कार्मिकों को एजेंसी प्लेसमेंट लेटर जारी करेगी।
निगम में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा। इसमें सचिव महानिदेशक व अपर मुख्य सचिव प प्रमुख सचिव होंगे। निगम मुख्यालय में एक महानिदेशक, दो कार्यकारी निदेशक, दो जनरल मैनेजर आदि होंगे। शासन, निदेशालय, नगर निगम, स्थानीय निकाय व अन्य संस्थाओं की मॉनीटरिंग कमेटी भी होगी।
100 अंकों पर होगा चयन
सचिवालय प्रशासन के प्रमुख सचिव की ओर से जारी निर्देश में श्रेणी एक, दो, तीन व चार के लिए शैक्षिक योग्यता आदि का भी निर्धारण किया गया है। इसके साथ ही आउटसोर्स सेवा लेने के लिए निर्धारित मापदंड भी तय किए गए हैं। इसके अनुसार उनका चयन 100 अंकों पर किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि पहले से सेवा में काम कर रहे लोगों के स्थान पर नए चयन नहीं होंगे। वह नियमित काम कर सकेंगे। नियमित कार्मिकों के स्थान पर आउटसोर्स नहीं रखे जाएंगे।
पद सृजन के लिए भेजा प्रस्ताव
सचिवालय प्रशासन के प्रमुख सचिव ने प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक को पत्र भेजकर कंपनी के गठन की जानकारी देते हुए एक महानिदेशक व दो कार्यकारी निदेशक के चयन की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। साथ ही वित्त विभाग को भेजे पत्र में वित्त नियंत्रक की तैनाती के लिए भी प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।