यूपी: कानपुर में होगा एके 203 राइफल का उत्पादन, 38 उपकरण बनेंगे
सेनाओं के लिए छोटे हथियार बनाने वाली लघु शस्त्र निर्माणी (एसएएफ) में इसी महीने से देश की सबसे आधुनिक राइफल एके 203 का वृहद स्तर पर उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। यहां पर राइफल में लगने वाले 38-39 उपकरण बनाए और असेंबल किए जाएंगे। कोरवा में हाल में हुए ट्रायल में 15 हजार राउंड फायरिंग की गई थी।
भारत-रूस संयुक्त उपक्रम के तहत इंडो रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के तहत इसका उत्पादन किया जा रहा है। अमेठी स्थित कोरवा में इसकी शुरुआत हुई थी। अब इसका उत्पादन और असेंबलिंग तेजी से की जानी है। इस राइफल के उपकरण अमेठी स्थित कोरवा आयुध फैक्टरी, कोलकाता स्थित राइफल फैक्टरी ईशापुर और कानपुर स्थित एसएएफ में बनेंगे। कोलकाता और कानपुर में 40-40 प्रतिशत उपकरण बनेंगे। 300 मीटर तक मार करने वाली इस आधुनिक राइफल के लिए कानपुर में रिट्रैक्ट मैकेनिज्म, सभी प्रकार के स्प्रिंग, बड्स समेत 38-39 उपकरण तैयार और असेंबल किए जाएंगे। निर्माणी के महाप्रबंधक सुरेंद्रपति ने बताया कि अगले आठ साल में 5.5 लाख राइफल बनाकर दी जानी हैं। अगस्त महीने के अंत तक औपचारिक पत्र आ सकता है। इसके बाद निर्माणी में इस राइफल का उत्पादन शुरू हो सकेगा।
एके 203 की खासियत
एके-203 700 गोलियां प्रति मिनट दागने में सक्षम है। इसका वजन 3.8 किग्रा और यह 705 मिमी लंबी है। 7.62 गुण 39 एमएम की नाटो ग्रेड की बुलेट इसमें लगती हैं। यह राइफल सेमी-ऑटोमैटिक या ऑटोमैटिक मोड में चलती है। 30 राउंड की बॉक्स मैगजीन इसमें लगती है।