उत्तरप्रदेश

यूपी: के विवि और महाविद्यालयों में बहाल हो सकते हैं छात्रसंघ के चुनाव

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश में छात्र संघ चुनाव कराने के वह पक्षधर हैं और इसके लिए वह प्रयास करेंगे। इस बारे में जरूरत पड़ी तो सीएम से भी चर्चा करेंगे। डिप्टी सीएम ने कहा वंदे मातरम् बोलने के लिए जब देश की संसद व प्रदेश की विधानसभा में विचार-विमर्श हुआ तो हम लोगों ने देखा है कि जो राष्ट्रविरोधी तत्व हैं भले ही उनको बड़े सांविधानिक पद की जिम्मेदारी मिली है लेकिन, वंदे मातरम् का गान नहीं कर सकते। सपा के लोगों के वंदे मातरम् गाते समय होंठ सिल जाते हैं। पाठक शहर के डायट ऑडिटोरियम में रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बृज प्रांत के 66वें अधिवेशन के उद्घाटन समारोह काे संबोधित कर रहे थे।

डिप्टी सीएम ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। राष्ट्र निर्माण में भी इनकी अहम भूमिका है। हमारा संगठन से जुड़े सभी कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि वह भी एसआईआर के काम में जुटें और देश की एकता और अखंडता को मजबूत करें।

सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी राष्ट्र विरोधी है। तभी तो वंदे मातरम् बोलने के लिए इनके नेताओं के पेट में दर्द होने लगता है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य, एमएलसी वागीश पाठक, केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य डॉ. निधि बहुगुणा, प्रांत अध्यक्ष सौरभ सेंगर, प्रांत मंत्री आनंद कठेरिया एवं प्रांत सह मंत्री पायल गिहार ने अपने विचार रखें।

एसआईआर के बाद बिहार चुनाव में मिला भाजपा को प्रचंड बहुमत
डिप्टी सीएम ने कहा कि एसआईआर में किसी का नाम कटा नहीं है। जिनका कोई अता-पता नहीं है, उनके ही वोट नहीं मिल रहे हैं। एसआईआर को लेकर विपक्ष के पेट में इसीलिए दर्द हो रहा है कि बिहार में एसआईआर के बाद चुनाव हुआ तो प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा गठबंधन की सरकार बनी है। इसी तरह यूपी में वर्ष 2027 के चुनाव में मतदान प्रतिशत 70 से 80 प्रतिशत तक जा सकता है। यूपी में भी सपा का गुंडाराज नहीं आएगा पूर्ण बहुत से भाजपा की सरकार बनेगी।

छात्रसंघ चुनाव बहाली का दिया संकेत
उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह छात्रसंघ चुनाव बहाली के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि छात्र राजनीति ने उन्हें पहचान दी और लखनऊ विश्वविद्यालय से मिले अनुभवों को वह कभी नहीं भूल सकते। दिल्ली विश्वविद्यालय में हर वर्ष एबीवीपी की सफलता यह दर्शाती है कि भारत की छात्रशक्ति राष्ट्रवाद के साथ खड़ी है।

Related Articles

Back to top button