यूपी : नए कनेक्शन में नहीं लगा सकेंगे आरडीएसएफ में खरीदे गए प्रीपेड स्मार्ट

विद्युत नियामक आयोग ने पॉवर कॉर्पोरेशन को स्पष्ट कर दिया है कि नए कनेक्शनों पर रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत खरीदे गए प्रीपेड स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जा सकते हैं। ऐसे में नए कनेक्शन के लिए मीटर की दर तय करके जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजें ताकि नई कास्ट डाटा बुक में उसे शामिल किया जा सके।
प्रदेश में नए कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाकर उपभोक्ताओं से 6016 रुपया वसूला जा रहा है। इसके विरोध में विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में याचिका दायर कर रखा है। आयोग ने पॉवर कॉर्पोरेशन को नोटिस जारी किया। कॉर्पोरेशन ने कहा कि वह कई बार प्रस्ताव भेज चुका है।
अब नियामक आयोग ने कॉर्पोरेशन को स्पष्ट निर्देश दिया है कि केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत खरीदे गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर केवल मौजूदा उपभोक्ताओं के परिसरों या फीडरों पर ही लगाए जा सकते हैं। इन्हें नए बिजली कनेक्शन पर उपयोग नहीं किया जा सकता है।
ऐसे में नए कनेक्शनों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए अलग से टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाएगी। प्राप्त दर को नियामक आयोग की अनुमोदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लागू किया जा सकेगा। आयोग ने चेतावनी देते हुए कहा कि विद्युत अधिनियम 2003 और आयोग के बनाए गए नियमों के तहत मांगी गई हर जानकारी पॉवर कॉर्पोरेशन को तत्काल और बिना किसी देरी के उपलब्ध करानी होगी।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल पॉवर कॉर्पोरेशन ने कैश डाटा बुक में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दर को जून 2025 में एक बार दाखिल किया है। गौरतलब है कि पॉवर कॉर्पोरेशन ने आयोग को भेजे गए जवाब में कहा था कि वह 10 बार से ज्यादा कॉस्ट डाटा बुक प्रस्ताव को आयोग के सामने पेश कर चुका है।
दरों में 50 फीसदी का अंतर कैसे
आयोग ने पॉवर कॉर्पोरेशन से पूछा है कि आरडीएसएस योजना में सिंगल फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटर की लाइफ साइकिल कॉस्ट 8091 रुपये बताई गई है, जबकि जून 2025 की प्रस्तावित कॉस्ट डाटा बुक में यही मीटर 2800 रुपये के बताए गए हैं।
प्रति मीटर समाधान एमडीएम क्लाउड, यचईएस आदि 1350 रुपये है। यानी कुल 4150 रुपये का है। ऐसे में कास्ट डाटा बुक में प्रस्तावित दरों में लगभग 50 फीसदी का अंतर है। आयोग ने इस अंतर की वजह पूछी है।
मीटर शुल्क ब्याज सहित लौटाए कार्पोरेशन
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि नियामक आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि आरडीएसएस योजना के मीटर नए कनेक्शन पर नहीं लगाए जा सकते। ऐसे में पॉवर कॉर्पोरेशन द्वारा जारी आदेश के तहत 6016 रुपये की जबरन वसूली तुरंत बंद होनी चाहिए।
अब तक की अधिक वसूली उपभोक्ताओं को ब्याज सहित वापस की जाए। 10 सितंबर से अब तक 138257 उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं, जिनकी अनुमानित कुल लागत लगभग 83 करोड़ है। नियम के अनुसार सही दर निर्धारित होने पर उपभोक्ताओं को 75–80 करोड़ रुपये वापस किए जाने होंगे।




