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यूपी: बनेगा थिएटर कमांड, जरूरी पहलुओं पर टॉप सैन्य अफसरों ने हुई चर्चा

थिएटर कमांड, युद्धकाल में तीनों सेनाओं को एकजुट करने में अहम योगदान निभाएगा। इससे सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा तथा संसाधनों एवं खर्च में भी बचत होगी। इसके जरिए थलसेना, वायुसेना व नौसेना की क्षमताओं को एकीकृत कर युद्ध व अभियानों के लिए उनके संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा सकेगा। बृहस्पतिवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

एकीकृत थिएटर कमांड बनाने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने बुधवार को गहन मंथन किया। इसके अतिरिक्त सैन्य अधिकारियों ने चीन व पाकिस्तान से लगी सीमाओं के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों की समीक्षा भी की। दरअसल, टॉप सैन्य अफसर मध्य कमान मुख्यालय में शुरू हुए पहले दो दिवसीय संयुक्त कमांडर सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे।

पहले दिन सीडीएस जनरल अनिल चौहान की अध्यक्षता में थलसेना, नौसेना व वायुसेना के प्रमुखों तथा अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने प्रमुख रूप से संयुक्त कमान एवं नियंत्रण केंद्र तथा लॉजिस्टिक्स नोड्स की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया। इस दौरान जनरल चौहान ने उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए अभियानगत तैयारियों की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने सेना को तैयार व प्रासंगिक बने रहने तथा रणनीतिक स्वायत्तता प्राप्त करने के लिए आधुनिकीकरण की आवश्यकता को अनिवार्य बताया।

सीडीएस ने एकीकरण पर दिया जोर
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भविष्य के युद्ध की रूपरेखा व प्रभाव-आधारित अभियानों के संचालन के लिए तीनों सेवाओं का एकीकरण जरूरी है। संयुक्त कमांडरों के दो दिवसीय सम्मेलन का विषय सशक्त व सुरक्षित भारत: सशस्त्र बलों का परिवर्तन है। सम्मेलन के दौरान कमांडरों ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की।

सेनाओं को उन्नत बनाने पर दी गई प्रेजेंटेशन
कॉन्फ्रेंस में मिलिट्री से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही मेक इन इंडिया के तहत डिफेंस उपकरणों के निर्माण आदि मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। इसके अतिरिक्त सशस्त्र बलों के निदेशालयों द्वारा प्रेजेंटेशन भी दी गई, जिसमें सेनाओं को उन्नत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

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