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यूपी: सहारा ग्रुप के मैनेजिंग चेयरमैन सहित 15 के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस

अमानत में खयानत, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, अवैध धन शोधन उन्मूलन अधिनियम के मामले में सहारा ग्रुप के मैनेजिंग चेयरमैन सहित 15 के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।

सहारा ग्रुप के मुख्य गार्जियन और मैनेजिंग चेयरमैन दिवंगत सुब्रत राय, कंपनी की दो सासायटी, 10 डायरेक्टर समेत 15 के खिलाफ 1.97 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में केस दर्ज कराया गया है।

आरोप है कि कंपनी की विभिन्न योजनाओं में सावधि जमा राशि के लिए धनराशि लेने के बाद अदा नहीं की गई। अधिकारियों के पास चक्कर काटने पर भी कोई फायदा नहीं हुआ। मामले में धोखाधड़ी के साथ ही अमानत में खयानत, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, अवैध धन शोधन उन्मूलन अधिनियम व अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम की धारा लगाई गई है। पुलिस का कहना है कि साक्ष्य संकलन कर कार्रवाई की जाएगी। 38, कावेरी कुंज फेज-2, कमला नगर निवासी 67 वर्षीय मुकेश कुमार जैन ने केस दर्ज कराया है। उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था।

इसमें कहा कि आरोपियों ने अपनी कंपनी की योजना की जानकारी विज्ञापन के माध्यम से दी। निवेशकों को सीमित अवधि के लिए विभिन्न योजनाओं में एक मुश्त धनराशि जमा करने पर आकर्षक ब्याज और निश्चित धनराशि का विश्वास दिलाया। इससे आकर्षित होने पर उन्होंने खुद और परिवारीजन के नाम से 1,04,27,404 रुपये जमा कराए थे। एफडी योजनाओं में सहारा स्पेशल फिक्स, स्टार-2, स्टार-2 64 थीं। इनके प्रमाण भी जारी किए गए। इसके एवज में उन्हें 1,97,83,809 रुपये ब्याज सहित मिलने थे।

समय सीमा पूरी होने पर उन्होंने कमला नगर कार्यालय पर संपर्क किया। मगर, कर्मचारी और अधिकारी टालमटोल करते रहे। उनकी रकम का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने आगरा के अलावा दिल्ली और लखनऊ के कार्यालयों पर चक्कर लगाए। मगर राहत नहीं मिल सकी। उन्होंने कंपनी के साथ ही सेबी इंडिया, मुंबई व केंद्रीय रजिस्ट्रार मल्टीस्टेट काॅपरेटिव सोसायटी, नई दिल्ली आदि को नोटिस भेजे। इसके बाद भी भुगतान नहीं मिला। जवाब भी नहीं दिया। कंपनी पर 3 करोड़ से अधिक की धनराशि देय है।

आरोप लगाया कि मुख्य गार्जियन सुब्रत राय ने अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर स्कीमों में धन का लालच दिया। मगर रुपयों का भुगतान नहीं किया। उनके साथ ही आम लोगों के साथ धोखाधड़ी कर धन हड़प लिया। पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर अदालत का दरवाजा खटखटाया।

किसने कितनी रकम जमा कराई
मुकेश कुमार जैन ने 29,80,266, उनकी पत्नी स्नेह जैन ने 22,35,788, बेटे अतिशय जैन ने 12,10,365, बेटी नीलांशा जैन ने 38,61,026, मुकेश ने अपनी और बेटी के नाम से संयुक्त स्कीम में 1,39,968 रुपये जमा करा दिए। यह रकम 15 जनवरी 2016 से 31 जुलाई 2018 तक अलग-अलग तारीख में कंपनी के कमला नगर कार्यालय में जमा कराई थी। उन्होंने 1106 सावधि एफडी सर्टिफिकेट लिए। इनका भुगतान 15 मई 2021 से 31 जनवरी 2020 तक किया जाना था।

इनकी हुई नामजदगी
मुकदमे में मैसर्स सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (लखनऊ), मैसर्स सहारारियन यूनिवर्सल मल्टी परपज सोसायटी लिमिटेड (श्रीराम टाॅकीज के पास, कमला नगर, आगरा), सुब्रत राय (चीफ गार्जियन मैनेजिंग चेयरमैन), डायरेक्टर सीमांतो राय, चांदनी राय, शुशांतो राय, रिचा राय, डीके श्रीवास्तव, अरविंद उपाध्याय, सीमा, ओपी श्रीवास्तव, अलख कुमार सिंह, एसवी सिंह, टेरिटरी चीफ प्रशांत वर्मा, जोनल चीफ गनेश पांडे व कंपनी के अन्य अधिकारी नामजद हैं।

डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि सहारा ग्रुप के चेयरमैन सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, अवैध धन शोधन उन्मूलन अधिनियम व अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम में केस दर्ज हुआ है। वादी से साक्ष्य संकलित किए जाएंगे। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

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