यूपी: स्वास्थ्य विभाग की ऐसी दहशत…अस्पताल में मची अफरा-तफरी, लैब संचालक छत से कूदकर भागा
आगरा में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बाह में घर में अवैध रूप से अस्पताल और पैथोलॉजी लैब संचालित होती पकड़ी है। यहां झोलाछाप मरीजों का इलाज और खून की जांच कर रहे थे। एक झोलाछाप तो छत से कूद कर भाग गया। भदरौली में पिता-पुत्र होम्योपैथिक क्लीनिक चलाते हुए मिले। ये दोनों डिग्री नहीं दिखा पाए। तीनों को बंद कराते हुए नोटिस दिया है।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को शिकायत मिली कि अवैध रूप से अस्पताल-लैब चलाकर मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस पर भदरौली में एमएस लैब पर छापा मारा। इसका पंजीकरण नहीं था। कौन डॉक्टर जांच करते हैं, ये भी नहीं बताया। जरार में झोलाछाप लंबे समय से मरीजों का इलाज कर रहा था। संचालक भाग गया। भदरौली में निहाल सिंह क्लीनिक पर टीम दूसरी बार छापा मारने गई। पिता-पुत्र इस बार भी डिग्री-लाइसेंस नहीं दिखा पाए। इन तीनों को बंद करा दिया है।
नोटिस देकर चिकित्सकीय रिकाॅर्ड और लाइसेंस मांगा है। ऐसा नहीं होने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उपयोग किए इंजेक्शन और दवाएं मिलीं :छापा मारने गए नोडल प्रभारी डॉ. जितेंद्र लवानिया ने बताया कि जरार में घर में अस्पताल चल रहा था। कमरों में बेंच पड़ी थीं, 5 मरीज भी मिले। टीम को देखकर संचालक छत से पीछे की ओर कूदकर भाग गया। पूछताछ में मरीजों ने इसका नाम दलबीर सिंह बताया। बाॅयोमेडिकल वेस्ट मिला, फ्लूड की कई बोतलें भी मिलीं। उपयोग किए गए इंजेक्शन पाए गए। पीछे की ओर जला हुआ मेडिकल वेस्ट मिला।
नोडल प्रभारी ने मरीजों को देखकर सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए जागरूक किया। बिना डॉक्टर के खून की कर रहे थे जांच : डॉ. जितेंद्र लवानिया ने बताया कि भदरौली में एमएस लैब संचालित मिली। यहां मशीनें लगी हुई थीं। उपकरण गंदे थे। मरीजों की खून की रिपोर्ट भी पाई गई। एक युवक मिला, जो खून की जांच कर रहा था। खुद को संचालक बताता तो कभी कर्मचारी, अपनी शैक्षणिक योग्यता भी नहीं बता रहा था। रिपोर्ट पर चिकित्सक के आगे आड़े-तिरछे हस्ताक्षर किए हुए थे। यहां भी मेडिकल वेस्ट जलाकर नष्ट कराया जा रहा था।