यूपी: 12 बिंदुओं पर कसे जा रहे प्रदेश के उद्योग, शासन ने कराई थी कुछ परियोजनाओं की जांच

कानपुर: शासन के निर्देश पर 12 बिंदुओं पर निवेश प्रस्तावों का सत्यापन कराया जा रहा है। इस संबंध में निवेश मित्रों को निर्देश जारी किए गए हैं। जिन निवेश प्रस्तावों में व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो गया है, उनकी जिओ टैग के साथ फोटो अपलोड कराई जाएगी।
कानपुर में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में छा जाने वाली परियोजनाओं की अब हकीकत परखी जा रही है। देखा जा रहा है कि बड़े बड़े दावों कर एमओयू करने वाली कंपनियां की परियोजनाओं का धरातल पर क्या हाल है। परियोजनाओं की करवाई गई रैंडम जांच की प्रतिकूल रिपोर्ट आने के बाद शासन ने यह फैसला लिया है। रैंडम जांच में एमओयू में दी गई प्रोजेक्ट रिपोर्ट और धरातल पर उतरी परियोजनाओं में अंतर पाया गया था। अब सरकार प्रदेश भर की सभी परियोजनाओं की 12 बिन्दुओं पर जांच करवाएगी।
पिछले साल फरवरी में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन कानपुर समेत प्रदेश भर में हुआ था। इसके बाद प्रस्तावों पर निवेश प्रक्रिया आगे बढ़ना शुरू हो गई थी। इसी बीच शासन ने रैंडम आधार पर निवेश प्रस्तावों की जांच कराई तो खामियां मिलीं। कुछ में बताई गई जमीन, निवेश और वास्तविक निवेश में अंतर मिला। दिए गए रोजगार की संख्या भी भिन्न पाई गई। इसके चलते ही सरकार ने 12 अलग-अलग बिंदुओं पर परियोजनाओं का सत्यापन कराना शुरू किया है।
जिनके पास जमीन उपलब्ध, उनमें उत्पादन शुरू
पहले चरण के प्रस्ताव में वह निवेश प्रस्ताव धरातल पर आ गए हैं, जिनके पास जमीन की उपलब्धता थी। जमीन की जरूरत वाली इकाइयों को जमीन उपलब्ध कराई जा रही हैं। साढ़ में लगी इकाइयों में रक्षा-प्रतिरक्षा उत्पाद बनने लगे हैं। इसके अलावा अन्य इकाइयों में सैडलरी, जूते, बैग, पर्स और घुड़सवारों के पहने जाने वाले कपड़े तैयार किए जाने लगे हैं। बकरी पालन, नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज में किए गए निवेश प्रस्ताव भी शुरू हो गए हैं। ग्रुप हाउसिंग और मेडिकल उद्योग में कई हजार करोड़ के प्रस्तावों में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जो अगले कुछ महीनों में पूरा हो जाएगा।
शासन के निर्देश पर 12 बिंदुओं पर निवेश प्रस्तावों का सत्यापन कराया जा रहा है। इस संबंध में निवेश मित्रों को निर्देश जारी किए गए हैं। जिन निवेश प्रस्तावों में व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो गया है, उनकी जिओ टैग के साथ फोटो अपलोड कराई जाएगी। -उपायुक्त उद्योग, अंजनीश प्रताप सिंह
इन बिंदुओं पर होगी जांच
निवेशक के पास जमीन उपलब्ध है या नहीं। यदि उपलब्ध है तो जमीन निजी है या सरकारी। सरकारी जमीन होने पर अथॉरिटी की जानकारी दी है या नहीं।
निवेशक ने निर्माण कार्य शुरू करने से पहले प्रारंभिक एनओसी ली है या नहीं।
प्रोजेक्ट का नक्शा स्वीकृत है या नहीं।
प्रोजेक्ट साइट पर निर्माण शुरू हुआ या नहीं।
प्रोजेक्ट साइट पर निर्माण पूरा हुआ या नहीं।
क्या सभी एनओसी मिल गई हैं या अगर नहीं मिली तो कौन सी बाकी है।
क्या प्रोजेक्ट का व्यावसायिक उत्पादन शुरू हुआ है।
उत्पादन नहीं शुरू हुआ तो उसमें कितना समय लगेगा।
जीएसटी प्रमाण पत्र और पैन।
जिओ टैग वाले प्रोजेक्ट साइट की तीन फोटो।
वास्तविक निवेश।
वास्तविक रोजगार की संख्या।