योगी सरकार का ट्विन टावर निर्माण के अधिकारियों पर कसता शिकंजा
ट्विन टावर के निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शिकंजा कसा जाएगा। लखनऊ से विजिलेंस टीम मंगलवार को जांच के लिए नोएडा आ रही है। अधिकारियों के अनुसार इस बार टीम कुछ दिन नोएडा में ही रहेगी। टीम के ठहरने के लिए गेस्ट हाउस में कमरे बुक करवा दिए गए हैं।
विजिलेंस टीम मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय में भी जाएगी। वहां से ट्विन टावर से संबंधित रिकॉर्ड की पड़ताल करेगी। जरूरत पड़ने पर अस्थायी दफ्तर भी यहीं बनाएगी। मामले में संलिप्त रहे अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ करने के साथ ही अन्य लोगों से भी पूछताछ कर सकती है। सूत्रों की मानें तो प्राधिकरण की ओर से आरोपी अधिकारियों को एसआईटी की जांच के कुछ तथ्य देने पर विजिलेंस ने नाराजगी जताई है। इसको लेकर भी टीम के अधिकारी पूछताछ कर सकते हैं। मामले में विजिलेंस टीम ने चार अक्तूबर 2021 को मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन अभी तक इसकी जांच में तेजी नहीं आई थी।
बता दें कि 28 अगस्त को ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के बाद से ही इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे थे। इसके बाद प्रदेश शासन ने इसका संज्ञान लेते हुए जिम्मेदार अधिकारियों की सूची जारी की और कहा था कि टावर के निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
रिपोर्ट में पांच पूर्व सीईओ के नाम, मुकदमे में सिर्फ दो
शासन के निर्देश पर बनी एसआईटी की 46 पन्नों की रिपोर्ट में नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ देवदत्त, संजीव सरन, बलविंदर सिंह, एके द्विवेदी, मोहिंदर सिंह का नाम है, लेकिन इसमें दर्ज एफआईआर में देवदत्त, संजीव सरन, बलविंदर सिंह के नाम नहीं हैं। मुकदमे में सिर्फ दो सीईओ के नाम शामिल किए गये हैं। बिल्डर्स और अधिकारियों की मिलीभगत से ट्विन टावर का निर्माण हुआ। इस प्रकरण में जिन 26 अधिकारियों पर आरोप हैं, उनमें से 20 सेवानिवृत्त, दो की मौत और चार निलंबित हो चुके हैं।