
पूर्व मंत्री, झारखंड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात कर नगड़ी मौजा में रिम्स-2 के निर्माण हेतु हो रहे भूमि अधिग्रहण को अनुचित करार देते हुए इसे रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह अधिग्रहण उन ग्रामीणों और रैयतों की आजीविका पर सीधा प्रहार है, जो वर्षों से खेती के माध्यम से जीवनयापन कर रहे हैं। उन्होंने इसे जनविरोधी और विकास विरोधी कदम बताया, जिसे हर हाल में वापस लिया जाना चाहिए।
तिर्की ने बताया कि इससे पूर्व भी नगड़ी क्षेत्र में आईआईएम, ट्रिपल आईटी और राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण जैसे प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रयास किया गया था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते वे योजनाएं रद्द करनी पड़ी थीं। अब रिम्स-2 के लिए अधिग्रहण की कोशिशें ग्रामीणों की भावनाओं और सरकार के प्रति उनके विश्वास के विरुद्ध हैं। उन्होंने बताया कि नगड़ी अंचल में खेती योग्य भूमि पहले से ही सीमित है और अधिकांश लोग खेती पर निर्भर हैं। ऐसे में भूमि अधिग्रहण से क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक संरचना पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गुरुजी शिबू सोरेन इस क्षेत्र की स्थिति से भलीभांति परिचित हैं और उन्हें ग्रामीणों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
तिर्की ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि पेसा कानून को तत्काल लागू किया जाए और उसकी नियमावली को अंतिम रूप देकर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन झारखंड की आत्मा हैं और पेसा कानून के लागू होने से विस्थापन, पलायन और भूमि अधिग्रहण जैसे गंभीर मुद्दों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
बंधु तिर्की ने टाना भगत समुदाय की दयनीय आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए उनके सर्वांगीण विकास के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने 28 अप्रैल 2017 को गठित टाना भगत विकास प्राधिकार की विफलता की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए इसे प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कार्यकारिणी समिति और जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में एजेंसी का गठन किया जाए ताकि समुदाय तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे और लक्षित सर्वेक्षण के आधार पर उनके विकास की योजनाएं क्रियान्वित की जा सकें।