
शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने वाले लगभग 200 आउटसोर्सिंग कर्मचारी आज खुद आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के शहरी जल वितरण की जिम्मेदारी संभाल रही आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मचारियों को बीते तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है।
इससे कर्मचारियों में भारी रोष है और उन्होंने विभाग व संवेदक के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। जानकारी के अनुसार, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में शहरी जलापूर्ति का पूरा सिस्टम आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है। जल वितरण, पाइपलाइन मरम्मत, लीकेज सुधार और अन्य तकनीकी कार्य इन्हीं कर्मचारियों के माध्यम से होते हैं।
ऐसे में यदि कर्मचारियों ने आंदोलन किया तो शहर की जल आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह ठप हो सकती है। आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें सितंबर महीने का वेतन मिला था, लेकिन इसके बाद अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर का वेतन अब तक लंबित है।
तीन महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण कई कर्मचारी कर्ज लेकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने को मजबूर हैं। नए साल के आगमन से पहले कर्मचारियों को चिंता सता रही है कि कहीं उनका नया साल भी बिना वेतन के फीका न पड़ जाए।
कर्मचारियों ने बताया कि वेतन भुगतान को लेकर वे अब तक चार बार आउटसोर्सिंग कंपनी के अधिकारियों से मांग कर चुके हैं, लेकिन हर बार आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
कर्मचारियों का साफ कहना है कि यदि 30 दिसंबर तक वेतन का भुगतान नहीं हुआ तो वे काम बंद कर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। ऐसे में जल वितरण और मरम्मत व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाएगी।
पाठक इंजीनियरिंग के हाथ शहर की जलापूर्ति का जिम्मा
शहर की शहरी जल आपूर्ति का कार्य पाठक इंजीनियरिंग नामक आउटसोर्सिंग एजेंसी को सौंपा गया है। कर्मचारियों का आरोप है कि एजेंसी के अधिकारी विभाग के नियंत्रण से बाहर हैं और कर्मचारियों की समस्याओं पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
वहीं, आउटसोर्सिंग कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से समय पर भुगतान नहीं होने के कारण हर बार ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि विभाग के कार्यपालक अभियंता को भुगतान की जिम्मेदारी है, लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी?
विभाग को अभी आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है, इसी कारण वेतन का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है। हालांकि इस संबंध में विभाग को पत्राचार किया गया है और आवंटन मिलते ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। – चंद्रशेखर कुमार, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग शहरी वितरण




