
दिल्ली से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की अब डिजिटल सेहत की जांच होगी। सड़क की हर दरार, गड्ढे, झुकाव और खुरदरापन अब मशीनें बताएंगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने देशभर में शुरू किए अपने अभियान नेटवर्क सर्वे व्हीकल (एनएसवी) फेज-तीन के तहत दिल्ली में चार प्रमुख एक्सप्रेसवे को सर्वे के लिए चुना है।
इनमें दिल्ली–मेरठ एक्सप्रेसवे (पैकेज-दो, तीन और चार) और दिल्ली–गुरुग्राम एक्सप्रेसवे (एनएच-48) एरोसिटी से मानेसर तक शामिल हैं। कुल मिलाकर दिल्ली और आसपास के करीब 101 किलोमीटर राजमार्ग (665 लेन किलोमीटर) का हाईटेक सर्वे किया जाएगा। यह सर्वे थ्री-डी लेजर तकनीक वाले नेटवर्क सर्वे वाहन (एनएसवी) से किया जाएगा, जो सड़क की सतह की हर सूक्ष्म खामी जैसे दरार, गड्ढा, किनारे का टूटना या झुकाव को सेंसर और कैमरे से रिकॉर्ड करेगा।
एनएचएआई के सूत्रों ने बताया कि इन वाहनों से जुटाया गया सारा डाटा सीधे रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम (आरएएमएस) और डाटा लेक पोर्टल पर अपलोड होगा। इससे हर सड़क की डिजिटल फाइल बनेगी, जिसमें यह साफ दिखेगा कि कहां सड़क की हालत बिगड़ी हुई है और किस हिस्से की मरम्मत पहले जरूरी है।
एनएचएआई के मुताबिक, अब सड़क रखरखाव का फैसला आंखों से देखकर और डाटा देखकर किया जाएगा। सर्वे से मिले आंकड़ों से यह भी पता चलेगा कि सड़क किन स्थानों पर बार-बार खराब होती है, ताकि भविष्य में स्थायी समाधान निकाला जा सके। यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल इंडिया मिशन और स्मार्ट हाइवे मैनेजमेंट की दिशा में भी अहम कदम मानी जा रही है।