
रेलवे ने पार्सल लोडिंग के नियमों में संशोधन किए हैं, जिससे खासकर छोटे व्यापारियों और किसानों को राहत मिलेगी। नए नियमों में टर्नओवर और समय की बाध्यता को समाप्त किया गया है और अब डबल डेकर जैसी ट्रेनों के कोचों में भी पार्सल बुकिंग की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, सेमी-हाई स्पीड पार्सल ट्रेन और डोर-टू-डोर पार्सल डिलीवरी सेवा की शुरुआत की जाएगी।
नया बदलाव देशभर में होगा लागू
पार्सल लोडिंग से संबंधित अड़चनों को दूर करने के लिए रेलवे ने हाल ही जम्मू-कश्मीर में प्रायोगिक रूप से नियमों में बदलाव किए थे। इसके सकारात्मक परिणामों के बाद, अब यह बदलाव देशभर में लागू किया जाएगा।
कई अनिवार्यताओं को की समाप्त
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, छोटे व्यापारियों और किसानों के लिए लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में प्रवेश आसान बनाने के लिए कई अनिवार्यताओं को समाप्त किया गया है। एग्रीगेटर शुल्क को घटाकर 10 हजार रुपए कर दिया गया है। वीपी तथा एसएलआर की ई-नीलामी में भी टर्नओवर शर्तें हटा दी गई हैं।
पार्सल कोच की लीज प्रक्रिया में बदलाव
रेलवे ने पार्सल कार्गो एक्सप्रेस लीजिंग पॉलिसी में भी सुधार किया है। अब एसएलआर, पार्सल वैन या कंपार्टमेंट को 10 से 90 दिनों की शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म लीज पर उपलब्ध कराया जाएगा। इससे पार्सल लोडिंग में लचीलापन आएगा और खाली पार्सल कोच को सस्ती दरों पर लोड करने की सुविधा दी जाएगी।
मोबाइल ऐप भी किया जाएगा विकसित
रेलवे ने मुंबई–कोलकाता रूट पर फर्स्ट माइल–लास्ट माइल सुविधा शुरू करने की योजना बनाई है। हैदराबाद में डोर-टू-डोर पार्सल डिलीवरी की सेवा शुरू की जाएगी, जो जल्द ही देशभर में लागू होगी।
इसके अलावा, ऑनलाइन बुकिंग के लिए मोबाइल ऐप भी विकसित किया जाएगा। 130 किमी/घंटा की स्पीड से दौड़ने वाली पार्सल ट्रेन की शुरुआत का प्रस्ताव है, जिससे लॉजिस्टिक्स क्षेत्र और व्यापारियों को बड़ा लाभ मिलेगा।




