राजस्थानराज्य

राजस्थान: जयपुर में इंडिया जेम एंड ज्वैलरी अवार्ड कार्यक्रम

अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने हाल ही में अमेरिका में उनके ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अदाणी ग्रुप का कोई भी व्यक्ति फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट (FCPA) के तहत किसी भी आरोप का सामना नहीं कर रहा है। समूह सभी नियमों के अनुपालन को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हर हमला समूह को मजबूत बनाता है। ये बात उन्होंने जयपुर में शनिवार को आयोजित 51वें इंडिया जेम एंड ज्वैलरी अवार्ड्स (आईजीजेए) के कार्यक्रम में कही। आईजीजेए के कार्यक्रम में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी पत्नी प्रीति अदाणी के साथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में गौतम अदाणी ने अदाणी समूह की यात्रा, चुनौतियों और अपने जीवन के प्रेरक अनुभवों को साझा किया। 

चुनौतियों से मिली ताकत

गौतम अदाणी ने अपने भाषण में हाल के दिनों में अदाणी ग्रुप के सामने आई चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमने जितनी सफलताएं हासिल की हैं। उतनी ही चुनौतियों का सामना भी किया है। लेकिन इन चुनौतियों ने हमें तोड़ा नहीं, बल्कि और मजबूत बनाया है। 

मुंबई से शुरू हुई एक सपना साकार करने की यात्रा

गौतम अदाणी ने कहा कि ‘उद्यमी बनने की मेरी यात्रा में डायमंड ट्रेडिंग मेरा पहला प्रवेश बिंदु था। साल 1978 में 16 साल की उम्र में, मैंने अपना स्कूल छोड़ दिया। अहमदाबाद में अपना घर छोड़ दिया और मुंबई के लिए एकतरफा टिकट ले लिया, मुझे नहीं पता था कि मैं क्या करूंगा। लेकिन यह स्पष्ट था कि मैं एक उद्यमी बनना चाहता था और मेरा मानना  था कि मुंबई अवसरों का शहर है जो मुझे यह मौका देगी। उन्होंने कहा कि महेंद्र ब्रदर्स में मुझे पहला मौका मिला, जहां मैंने हीरे जमा करने की कला सीखी। अदाणी ने कहा कि ‘आज भी मुझे अपना पहला सौदा पूरा करने की खुशी आज भी याद है। यह एक जापानी खरीदार के साथ लेन-देन था और उस दिन मुझे 10,000 रुपये का कमीशन मिला था। यह एक महत्वपूर्ण यात्रा थी जो एक उद्यमी के रूप में मेरे जीवन जीने के तरीके को आकार दिया।

जीजेईपीसी का आयोजन

यह कार्यक्रम जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें उद्योग के कई दिग्गज और नवप्रवर्तनकर्ता शामिल हुए। 51वें इंडिया जेम एंड ज्वैलरी अवार्ड्स ने भारतीय आभूषण उद्योग की उत्कृष्टता और इसकी वैश्विक पहचान को उजागर किया।

Related Articles

Back to top button