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राजस्थान: प्रदेश के 400 से ज्यादा स्कूलों पर लगे ताले, भजनलाल सरकार को क्यों लेना पड़ा फैसला

राजस्थान से खबर आ रही है कि अब 260 सेकेंडरी स्कूलों को बंद कर दिया। भजनलाल सरकार ने पिछले 10 दिनों में 190 प्राइमरी स्कूल और 260 सेकेंडरी स्कूल समेत 450 सरकारी स्कूलों को बंद करने का काम किया है, लेकिन सरकार ने ऐसा क्यों किया, आइये जानते हैं।

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पिछले 10 दिनों में 450 हिंदी मीडियम सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया है। ताजा आदेश के तहत माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने गुरुवार देर रात 260 स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया। इससे पहले, करीब 190 स्कूलों को बंद किया गया था।

बीकानेर में भाजपा विधायक के घर के सामने गर्ल्स स्कूल बंद
बीकानेर में कोलायत से भाजपा विधायक अंशुमान सिंह भाटी के घर के सामने स्थित सरकारी बालिका सीनियर सेकेंडरी स्कूल को भी बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने इसे कम नामांकन वाला स्कूल बताते हुए बॉयज स्कूल में मर्ज कर दिया, जबकि यहां करीब 300 छात्राएं पढ़ रही थीं। इस फैसले को लेकर क्षेत्र के लोगों ने विधायक अंशुमान सिंह और उनके दादा पूर्व विधायक देवी सिंह भाटी के सामने नाराजगी जताई है।

कम नामांकन वाले स्कूलों को किया मर्ज
राज्य सरकार ने जिन 260 स्कूलों को बंद किया है, उनमें से 14 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। इनका नामांकन कम होने के कारण इन्हें नजदीकी स्कूलों में मर्ज कर दिया गया है। बंद किए गए स्कूलों में जयपुर, अजमेर, पाली, बीकानेर, हनुमानगढ़, उदयपुर और जोधपुर के स्कूल शामिल हैं।

प्राइमरी एजुकेशन के 200 स्कूल बंद
राजस्थान में 200 प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों को शून्य नामांकन के कारण बंद कर दिया गया है। इन्हें नजदीकी सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में मर्ज किया गया है। इन स्कूलों में अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, जोधपुर, जयपुर, सीकर, उदयपुर जैसे जिलों के स्कूल शामिल हैं।

महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल नहीं हुए बंद
भजनलाल सरकार ने मंत्रियों की एक कमेटी बनाकर अंग्रेजी माध्यम महात्मा गांधी स्कूलों की समीक्षा शुरू की थी, लेकिन अब तक इन स्कूलों को बंद करने की कोई सिफारिश नहीं की गई। नतीजतन, एक भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल बंद नहीं हुआ, जबकि हिंदी मीडियम के 450 स्कूल बंद कर दिए गए। राज्य सरकार के इस फैसले को लेकर अभिभावकों और स्थानीय नागरिकों में नाराजगी है। कई इलाकों में विरोध भी दर्ज कराया गया है।

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