राजस्थान में आने वाले सैलानियों के लिए अब मेडिकल टूरिज्म भी एक विकल्प होगा। इसके लिए प्रदेश का चिकित्सा विभाग ‘हील इन राजस्थान’ पॉलिसी लेकर आ रहा है। पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इस पर संबंधित पक्षों से एक बार चर्चा भी की जा चुकी है और मेडिकल वेल्यू ट्रेवल के लिए एक समिति भी गठित की जा चुकी है। यह पॉलिसी पांच वर्ष के लिए तैयार की गई है और दिसंबर में होने वाले निवेश सम्मेलन राइजिंग राजस्थान के लिए शुरू हो रहे देश और दुनिया के विभिन्न शहरों में होने जा रहे रोड शोज में इस पॉलिसी को भी प्रचारित किया जाएगा।
आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी के केंद्र विकसित होंगे
मेडिकल टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए राजस्थान सरकार की तरफ से प्रदेश में मेडिकल सुविधाओं को चिन्हित कर विश्वस्तीय बनाया जाएगा और मेडिकल साइंस तथा आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी जैसी आयुष चिकित्सा पद्धतियों को मिला कर ऐसे केन्द्र विकसित किए जाएंगे जहां लोग उपचार के लिए आ सकें।
मेडिकल के साथ वर्ल्ड क्लास केटरिंग सुविधा भी
इस नीति के तहत प्रदेश के प्रमुख सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को मेडिकल टूरिज्म की सुविधा उपलब्ध कराने वाले केन्द्रों के रूप में चिन्हित किया जाएगा। टूरिज्म को ध्यान में रखते हुए इनमें विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि देश-विदेश के लोग इनमें आ कर चिकित्सा सेवाएं प्राप्त कर सकें।
इसके तहत विशेष विंग, ऑपरेशन थिएटर, एयर कंडीशंड कमरे, विश्वस्तरीय कैटरिंग और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके साथ ही भाषा संबंधी दिक्कत को दूर करने के लिए अनुवादक, विभिन्न धर्मो के प्रार्थना स्थल, डिजीटल पेमेंट की सुविधएं भी विकसित की जाएंगी। इसके साथ ही इसकी अलग वेबसाइट होगी और हील इन राजस्थान की सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफार्म पर ब्रांडिंग की जाएगी।