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राजस्थान: राव सूरजमल हाड़ा की 600 साल पुरानी छतरी विध्वंस विवाद, तीन अधिकारी निलंबित

कोटा में हवाई अड्डे के विस्तार के लिए विकास प्राधिकरण ने बूंदी के पूर्व शाही राव सूरजमल हाड़ा की 600 साल पुरानी छतरी को गिरा दिया। इस घटना के बाद विवाद खड़ा हो गया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मामले की जांच की मांग की है। इतना ही नहीं कोटा के पूर्व महाराव इज्यराज सिंह सहित कई लोगों के विरोध जताने के बाद केडीए और जिला प्रशासन को कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा। मामले को लेकर कोटा जिला कलेक्टर ने डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने जांच कमेटी का गठन किया। साथ ही शनिवार देर रात तीन को निलंबित भी कर दिया गया है। निलंबित लोगों में तहसीलदार प्रवीण कुमार, भूअभिलेख निरीक्षक मुरलीधर और पटवारी रामनिवास शामिल हैं। मामले में करणी सेना ने भी विरोध जताते हुए रविवार को फिर से छतरी बनाने की चेतावनी जारी की है।

शेखावत ने नाराजगी जाहिर करते हुए एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि बूंदी नरेश राव सूरजमल हाड़ा जी की छतरी को ध्वस्त करना एक दुखद और व्यथित करने वाली घटना है। क्या केडीए ने छतरी के ऐतिहासिक महत्व को जानते हुए भी यह कृत्य किया? इस संबंध में जांच और उचित कार्रवाई जरूरी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थान राजपूत समुदाय के लिए एक पवित्र स्थल था और उन्हें इस ध्वस्तीकरण के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई।

स्थानीय राजपूत समुदाय के सदस्य भरत सिंह के अनुसार, यह छतरी एक पवित्र स्थान थी, जहां हर रविवार को मेला लगता था और राव सूरजमल हाड़ा की मूर्ति की पूजा होती थी। उन्होंने कहा कि छतरी को ध्वस्त करने के बजाय स्थानांतरित किया जाना चाहिए था। इस घटना के विरोध में राजपूत समुदाय विरोध रैली निकालने की तैयारी कर रहा है।

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