राजस्थान में भजनलाल सरकार का पहला साल पूरा होने के अवसर पर 17 दिसंबर को जयपुर के ददिया में पीएम नरेंद्र मोदी की सभा होने जा रही है। मुख्यमंत्री इसकी तैयारियों को लेकर ददिया का दौरा भी कर चुके हैं। सभा में भीड़ लाने के लिए सभी विधायकों को टारगेट भी दे दिए गए हैं। करीब 3 लाख लोगों को सभा स्थल तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।
कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों से करीब 1 लाख करोड़ रुपये की बड़ी घोषणाएं करवाई जाएंगी, इनमें सबसे बड़ा ऐलान ईआरसीपी योजना की घोषणा होगी। इसके अलावा किसानों के खातों में राज्य सरकार की तरफ से आने वाले 1 हजार रुपये की किश्त भी इसी दिन जारी की जानी है। इनके अलावा करीब 60 हजार नई नौकरियों का ऐलान भी किया जाएगा।
तीन दिन चलेगा कार्यक्रम
जानकारी के मुताबिक सरकार की पहली वर्षगांठ का कार्यक्रम तीन दिन चलेगा। इसमें पहले दिन युवाओं के लिए जिलों में कार्यक्रम, दूसरे दिन महिलाओं के लिए कार्यक्रम और तीसरे दिन पीएम की सभा रखी गई है। हाल में पीएम की सभा की तैयारियों को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा खुद ददिया पहुंचे थे, जहां उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कार्यक्रम की सुरक्षा तैयारियों को लेकर विस्तृत चर्चा भी की थी। इस दौरान उनके साथ बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, पूर्व अध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व सांसद रामचरण बोहरा सहित कई अन्य नेता भी मौजूद थे।
ईआरसीपी पर विपक्ष को जवाब देने की तैयारी
ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर भजनलाल सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। इस सभा के जरिए सरकार ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लॉन्च कर विपक्ष के हमलों का जवाब भी देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनावों के दौरान दौसा में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना की श्रेणी में शामिल करने की बात कही थी।
क्या है ईआरसीपी?
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) में कालीसिंध, पार्वती, मेज और चाकन उप-बेसिनों में उपलब्ध व्यर्थ बहने वाले मानसून के पानी का उपयोग किया जाना है। इसे बनास, गंभीरी, बाणगंगा के पानी की कमी वाले उप-बेसिनों में मोड़कर चंबल बेसिन के भीतर पानी के इंटर बेसिन ट्रांसफर की परिकल्पना की गई थी। योजना के पूरा होने पर पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पीने और औद्योगिक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। परियोजना में लगभग 2.82 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई को लेकर दृष्टिकोण रखा गया है। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 13 जिलों के 83 विधानसभा क्षेत्र में इस प्रोजेक्ट को चुनावी मुद्दा बनाया था। सबसे पहले ईआरसीपी प्रोजेक्ट की परिकल्पना पूववर्ती वसुंधरा सरकार के समय की गई थी। योजना से लाभान्वित होने वाले जिलों में अलवर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर, बूंदी, कोटा, बारां, झालावाड़, भरतपुर, धौलपुर और करौली शामिल हैं।