
उदयपुर संभाग के सीमावर्ती जिलों के रोगियों की वर्षों पुरानी पीड़ा आखिरकार खत्म होने जा रही है। डॉ. मन्नालाल रावत की सक्रिय पहल के बाद राज्य सरकार ने आउटबाउंड पोर्टेबिलिटी लागू करने का बड़ा निर्णय लिया है। इसके साथ ही 15 दिसंबर से राजस्थान का कोई भी आयुष्मान कार्ड धारक देश के किसी भी हिस्से, विशेषकर गुजरात के मान्यता प्राप्त अस्पतालों में कैशलेस इलाज पा सकेगा।
15 दिसंबर से लागू होगा नया सिस्टम
डॉ. शंकर बामनिया ने बताया कि अब तक पोर्टेबिलिटी एक्टिव नहीं होने से इलाज नहीं हो पा रहा था, जिस पर सरकार ने प्रक्रिया को तेज कर दिया है। 15 दिसंबर से योजना का लाभ देशभर में मिल सकेगा।
सांसद की पहल से खुली राह
उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत की पहल पर यह रास्ता खुला। डॉ. रावत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, उनकी तत्परता से कार्रवाई हुई। राजस्थानियों को गुजरात में इलाज नहीं मिलने की समस्या को गंभीरता से उठाते हुए सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा था।
उन्होंने बताया था कि सीमावर्ती जिलों के लोग इलाज के लिए वर्षों से गुजरात पर निर्भर हैं, लेकिन राजस्थान के आयुष्मान कार्डधारकों को वहां नि:शुल्क उपचार नहीं मिल रहा है, जिससे मरीज आर्थिक संकट में फंस रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश दिए। अब सरकार ने आउटबाउंड पोर्टेबिलिटी लागू कर दी है।





