राष्ट्रपति बनते ही पहले आदेश में LGBTQ समुदाय को झटका दे सकते हैं ट्रंप
रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि ट्रंप की तरफ से यह कार्यकारी आदेश, उनके 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद संभालने के दिन ही आ सकता है।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में रहने वाले LGBTQIA+ समुदाय की चिंताएं बढ़ा दी हैं। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ट्रंप एक ऐसा कार्यकारी आदेश लाने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे अमेरिका की सेना में सेवा दे रहे सभी ट्रांसजेंडर्स को हटाया जा सकेगा।
अधिकारियों के मुताबिक, अगर यह आदेश आता है तो सभी ट्रांसजेंडर्स को मेडिकली डिस्चार्ज कर दिया जाएगा यानी वे सेना में सेवा देने के लिए अनफिट करार हो जाएंगे।
द संडे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 78 वर्षीय ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भी ऐसा ही आदेस जारी किया था। तब उनके आदेश के तहत सेना में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती को रोक दिया गया था। हालांकि, पहले से ही सेवा दे रहे ट्रांसजेंडर्स को अपना काम जारी रखने की इजाजत थी। हालांकि, इस बार वह सेना में मौजूदा समय में सेवा दे रहे ट्रांसजेंडर्स को भी हटाने की तैयारी कर रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि ट्रंप की तरफ से यह कार्यकारी आदेश, उनके 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद संभालने के दिन ही आ सकता है। मौजूदा समय में अमेरिकी सेना में 15,000 ट्रांसजेंडर्स सेवा दे रहे हैं। बताया गया है कि ट्रंप के पिछले कार्यकाल के बाद जब जो बाइडन ने नियम पलटे थे, तब पाया गया था कि 2200 सैन्य कर्मियों को यह लगता है कि उन्हें पैदा होने के दौरान जो लिंग मिला था, वह उससे अलग लैंगिक पहचान रखते हैं।
एलजीबीटी समुदाय को लेकर क्या है ट्रंप का रवैया?
डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से ट्रांसजेंडर समुदाय के सेना में शामिल किए जाने का विरोध करते रहे हैं। अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने कहा था कि वह इस बारे में बच्चों के सामने नस्लीय सिद्धांत या किसी तरह के लैंगिक-राजनीतिक सामग्री को आगे बढ़ाने वाले स्कूलों की आर्थिक मदद रोक देंगे। इतना ही नहीं ट्रंप खेलों से भी ट्रांसजेंडर्स एथलीट्स को बाहर रखने पर मुखर रहे हैं।
अमेरिका के होने वाले उपराष्ट्रपति- रक्षा मंत्री की क्या सोच?
रक्षा मंत्री पद के लिए डोनाल्ड ट्रंप की पसंद पीट हेगसेथ को भी ट्रांसजेंडर्स को लेकर कड़े रुख के लिए जाना जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हेगसेथ एक मौके पर तर्क दे चुके हैं कि अमेरिकी सेना में महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स की भर्ती की वजह से अमेरिकी सुरक्षा का स्तर कमजोर हो रहा है। इसके अलावा अमेरिका के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जेडी वैंस भी ट्रांसजेंडर्स को लेकर ऐसा ही रुख रखते हैं। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि कुछ श्वेत बच्चों को ट्रांस बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वह अच्छे कॉलेज में एडमिशन पा सकें।