
27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा सरकार ने आते ही आम आदमी पार्टी के एक महत्वपूर्ण फैसले को पलट दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले AAP सरकार ने विधायकों के लिए स्थानीय क्षेत्र विकास (MLALAD) फंड को सालाना 15 करोड़ रुपये कर दिया था जिसे अब दिल्ली की नई ‘रेखा सरकार’ ने घटाकर वापस 5 करोड़ रुपये कर दिया है।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में आम आदमी पार्टी की सरकार ने एमएलए फंड को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये सालाना किया था और फिर उसे बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये कर दिया था। अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली नई सरकार ने इस फैसले को बदलते हुए इसे फिर से 5 करोड़ रुपये कर दिया है। यह बड़ा निर्णय दिल्ली में 2 मई को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।
कैबिनेट बैठक में रेखा सरकार का अहम निर्णय
दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार कैबिनेट बैठक के निर्णय संख्या 3187 दिनांक 02 मई 2025 में स्पष्ट रूप से कहा गया है, “दिल्ली में एमएलएलैड स्कीम के तहत फंड का आवंटन वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रति वर्ष प्रति विधानसभा क्षेत्र 5 करोड़ रुपये रखा गया है।” आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि विधायकों को एमएलएलैड स्कीम के तहत मिलने वाला यह फंड अप्रतिबंधित होगा। इसे पूंजीगत प्रकृति के स्वीकृत कार्यों के साथ-साथ परिसंपत्तियों की मरम्मत और रखरखाव के लिए बिना किसी सीमा के खर्च किया जा सकेगा।
भाजपा सरकार के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एमएलए लैड फंड के तहत कुल 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह रकम दिल्ली के सभी 70 विधायकों को पांच-पांच करोड़ रुपये के रूप में वितरित की जाएगी। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में दस साल तक सत्ता में रहने वाली आम आदमी पार्टी ने साल 2021-22 और साल 2022-23 में विधायकों को चार-चार करोड़ रुपये एमएलए लैड फंड के रूप में दिए थे। इसके बाद साल 2023-24 में यह रकम बढ़ाकर सात करोड़ रुपये सालाना की गई थी जबकि साल 2024-25 में इसे सीधे 15 करोड़ रुपये कर दिया गया था। आम आदमी पार्टी ने यह बढ़ोतरी आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए की थी। अब रेखा सरकार ने आम आदमी पार्टी के उस आदेश को पलटकर इसे फिर से 5 करोड़ रुपये पर ला दिया है।