रेल हादसे के बाद इस देश का पानी बन गया जहर! सरकार को लगानी पड़ी इमरजेंसी

यूरोप महाद्वीप में स्थित चेक गणराज्य की हालत इस वक्त बहुत खराब है। चेक गणराज्य के अधिकारियों ने ओलोमौक क्षेत्र में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है, जिसे अधिकारी पिछले महीने एक मालगाड़ी के पटरी से उतरने के बाद दुनिया का सबसे बड़ा बेंजीन संदूषण कह रहे हैं।
ओलोमौक के गवर्नर लादिस्लाव ओक्लेस्टेक द्वारा घोषित आपातकालीन घोषणा, प्रेरोव जिले में हुस्टोपेके नाद बेकवौ के आसपास के क्षेत्र को कवर करती है, जहां एक जहरीले रसायन के रिसाव ने स्थानीय मिट्टी और जल स्रोतों को दूषित कर दिया है, जिसमें पास की एक झील भी शामिल है।
क्या बोली देश की सरकार?
ओक्लेस्टेक ने कहा, ‘हमने सर्वसम्मति से ओलोमौक क्षेत्र में आज 12:00 बजे से आपातकाल की स्थिति घोषित करने पर सहमति व्यक्त की है।’ रिपोर्ट के अनुसार, यह आदेश पर्यावरणीय संकट के लिए तेज और अधिक प्रतिक्रिया की अनुमति देगा, जिससे स्थानीय अधिकारियों को कार्य दायित्व लागू करने, संसाधनों को नियंत्रित करने और प्रभावित क्षेत्रों में आवाजाही को प्रतिबंधित करने की शक्ति मिलेगी।
यह दुर्घटना 28 फरवरी को हुई, जब तेज गति से चल रही एक मालगाड़ी हुस्टोपेक स्टेशन के एंट्री गेट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसके 17 डिब्बों में से अधिकतर में आग लग गई, जिससे कुल 1,020 टन ले जा रहे टैंकरों से लगभग 350 टन बेंजीन निकल गया। लीक हुए रसायन का अधिकतर हिस्सा भूजल में रिस गया।
बेंजीन-दूषित पानी के नुकसान
बेंजीन-दूषित पानी से स्वास्थ्य पर गंभीर और संभावित रूप से जानलेवा प्रभाव पड़ सकता है। बेंजीन एक अत्यधिक जहरीला रसायन है और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा समूह 1 कार्सिनोजेन के रूप में बांटा किया गया है।
यदि कोई व्यक्ति उच्च स्तर पर बेंजीन से दूषित पानी पीता है, भले ही थोड़े समय के लिए तो उसे चक्कर आना, सिरदर्द, भ्रम, तेज हृदय गति, उल्टी और पेट में जलन, कंपकंपी या ऐंठन का अनुभव हो सकता है।
तेजी से बिगड़ रहे हालात
पर्यावरण मंत्री पेट्र ह्लाडिक ने इसको लेकर कहा कि दुर्घटना स्थल पर स्थिति तेजी से बिगड़ रही थी और स्थानीय पेयजल की सुरक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा, ‘इस क्षेत्र में कुछ ही घंटों में पहला बेंजीन-प्रभावित पानी का कुआं दिखाई दिया। हमें तुरंत कार्रवाई करनी थी।’