उत्तरप्रदेशराज्य

लखनऊ में पाए गए 12 टोमैटो फ्लू पीड़ित बच्चे, पीजीआई में चल रहा इलाज़

-किसी भी बच्चे को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी -डॉक्टर की सलाह अभिभावक

-किसी भी बच्चे को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी

-डॉक्टर की सलाह अभिभावक घबराएं नहीं, सात दिन बच्चे स्वस्थ्य हो रहे

-पांच से 12 साल के बच्चे आ रहे इसकी जद में

लखनऊ, कार्यालय संवादाता। कोरोना और मंकीपॉक्स का कहर अभी थमा भी नहीं है कि टोमैटो फ्लू नाम के वायरस ने चिंता बढ़ा दी है। केरल, ओडिशा, तमिलनाडु के बाद लखनऊ में भी टोमैटो फ्लू ने दस्तक दे दी है। पीजीआई में 15 दिन के भीतर 12 टोमैटो फ्लू से पीड़ित बच्चे इलाज के आए हैं। इसके लक्षण सामान्य वायरल फीवर जैसे ही हैं। इनमें पांच से 12 साल के बच्चे शामिल हैं। राहत की बात है कि टोमैटो फ्लू से पीड़ित किसी बच्चे को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है। एक हफ्ते में ठीक हो रहे हैं।

पीजीआई में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य का कहना है कि जनरल अस्पताल की ओपीडी में दो हफ्ते के दौरान 12 बच्चे टोमैटो फ्लू के आ चके हैं। यह क्रम अभी भी जारी है। इससे पहले एक व दो ही मामले आते थे। अभी तक किसी भी बच्चे में गंभीर लक्षण नहीं देखने को मिले हैं।

एचएफएमडी का ही एक वैरिएंट

डॉ. पियाली का कहना है कि टोमैटो फ्लू हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (एचएफएमडी) का ही एक वैरिएंट है। ओपीडी में आए बच्चों के हाथ, पैर, मुंह में दाने के साथ मुंह के अंदर छाले मिले। कुछ बच्चे तेज बुखार, खांसी, और जुकाम के लक्षण वाले भी आ रहे हैं। लक्षण के आधार पर इसकी पहचान संभव है। पीडियाट्रीशियन डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि ओपीडी में आए किसी भी बच्चे को भर्ती नहीं करना पड़ा। इसकी जांच का शुल्क करीब ढाई हजार रुपए है।

बुखार की दवा कारगर: उन्होंने बताया कि अभी तक टोमैटो फ्लू की कोई दवा या टीका बाजार में उपलब्ध नहीं है। वायरल फीयर की दवाएं इसमें कारगार हैं। ओपीडी में आए इन्हीं दवाओं के सेवन से ठीक हो रहे हैं।

क्या है टोमैटो फ्लू

टोमैटो फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है, जो कम उम्र के बच्चे को प्रभावित कर रहा है। इसका नाम टोमैटो फ्लू इसलिए रखा गया है क्योंकि संक्रमित होने पर बच्चों के शरीर पर टमाटर की तरह से लाल रंग के दाने हो जाते हैं। इसके अलावा बच्चे को तेज बुखार भी आता है।

यह हैं लक्षण

बुखार, थकान, जोड़ों में सूजन, त्वचा पर टमाटर जैसे लाल चकत्तों का उभरना, बदन दर्द, उल्टी, दस्त

पीजीआई में 15 दिन में आए 12 टोमैटो फ्लू पीड़ित बच्चे

किसी भी बच्चे को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी

-डॉक्टर की सलाह अभिभावक घबराएं नहीं, सात दिन बच्चे स्वस्थ्य हो रहे

-पांच से 12 साल के बच्चे आ रहे इसकी जद में

लखनऊ। कार्यालय संवादाता

केरल, ओडिशा, तमिलनाडु के बाद लखनऊ में भी टोमैटो फ्लू ने दस्तक दे दी है। पीजीआई में 15 दिन के भीतर 12 टोमैटो फ्लू से पीड़ित बच्चे इलाज के आए हैं। इसके लक्षण सामान्य वायरल फीवर जैसे ही हैं। इनमें पांच साल से 12 साल के बच्चे शामिल हैं। हालांकि राहत की बात है कि इनमें से किसी बच्चे को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है। डॉक्टर का कहना है कि अभिभावक घबराएं नहीं। एक हफ्ते में बच्चे घरों में रहकर ठीक हो रहे हैं।

पीजीआई की पीडियाट्रीशियन डॉ. पियाली भट्टाचार्य का कहना है कि जनरल अस्पताल की ओपीडी में दो हफ्ते के दौरान 12 बच्चे टोमैटो फ्लू के आ चके हैं। लगातार ओपीडी में इसके पीड़ित बच्चे आ रहे हैं। जबकि 15 दिन पहले तक महीने में एक व दो ही मामले आते थे। बच्चों में गंभीर लक्षण नहीं देखने को मिले हैं।

एचएफएमडी का ही एक वैरिएंट

डॉ. पियाली का कहना है कि टोमैटो फ्लू हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (एचएफएमडी) का ही एक वैरिएंट है। ओपीडी में आए बच्चों के हाथ, पैर, मुंह में दाने के साथ मुंह के अंदर छाले मिले। कुछ बच्चे तेज बुखार, खांसी, और जुकाम के लक्षण वाले भी आ रहे हैं। लक्षण के आधार पर इसकी पहचान संभव है। पीडियाट्रीशियन डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि ओपीडी में आए किसी भी बच्चे को भर्ती नहीं करना पड़ा। जांच की जरूरत नहीं पड़ी। इसकी जांच का शुल्क करीब ढ़ाई हजार रुपए है। जांच महंगी होने की वजह से अभिभावकों ने जांच नहीं करायी है।

बुखार की दवा कारगर

उन्होंने बताया कि अभी तक टोमैटो फ्लू की कोई दवा या टीका बाजार में उपलब्ध नहीं है। वायरल फीयर की दवाएं इसमें कारगार हैं। ओपीडी में आए इन्हीं दवाओं के सेवन से ठीक हो रहे हैं। एक हफ्ते भर बाद लक्षण कम होने लगते हैं। हालांकि गंभीर लक्षण दिखने अभिभावकों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

यह हैं लक्षण

बुखार, थकान, जोड़ो में सूजन, त्वचा पर चकत्ते, बदन दर्द, मिचली, उल्टी, दस्त

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