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लखनऊ: रिटायर्ड महिला प्रोफेसर को 48 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 55 लाख वसूले

साइबर अपराधियों ने दिल्ली क्राइम ब्रांच के अफसर बनकर इंदिरानगर निवासी सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर को 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। मनी लॉड्रिंग, ड्रग्स की तस्करी में केस होने की बात कहकर डराया और जेल भेजने की धमकी दी। इससे बचने का हवाला देकर कुल 55 लाख रुपये वसूल लिए। ठगी की जानकारी पर पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई।

साइबर क्राइम इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने बताया कि महिला के पास 12 सितंबर को कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अफसर बताया। कहा, आपके आधार कार्ड से बैंक में अकाउंट खोला गया है। इसमें मिलियन डॉलर का लेनदेन हो रहा है, जो मनी लॉड्रिंग के तहत आता है। ड्रग्स की सप्लाई में भी तुम्हारा नाम आया है। केस दर्ज किया गया है, इसलिए आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है।

शातिर लगातार वीडियो कॉल पर बात कर धमकाता रहा। महिला के जाल में फंसने के बाद उसने सभी बैंक खाते और उसमें मौजूद रकम की जानकारी ली। फिर बैंक डिटेल देकर 55 लाख रुपये ट्रांसफर करने को सके बाद महिला ने बैंक जाकर अपनी एफडी तुड़वाई और रकम आरटीजीएस कर दी। 14 सितंबर को महिला के पास मुंबई से बैंक अफसर ने कॉल कर बताया कि ठगों ने आपको निशाना बनाया है, तब उन्होंने केस दर्ज कराया।

खामोश रहना है, घर से निकलने पर पाबंदी है…
सबसे पहले जिस शख्स ने फोन पर बात की उसने कहा कि हमारे अधिकारी बात करेंगे। दूसरे शख्स ने महिला प्रोफेसर से कहा, किसी से कुछ भी नहीं बताना है। घर से बाहर भी नहीं जाना है। अगर किसी से कुछ कहा तो तीन साल की जेल हो जाएगी। इससे महिला सहम गई और वही करती रही, जो ठग कहते रहे।

बोला…सभी नंबर सर्विलांस पर हैं
व्हाट्सएप पर आरोपियों ने महिला प्रोफेसर के नाम पर फेक अरेस्ट वारंट, अपने आईडी कार्ड आदि भेजे, ताकि उन्हें यकीन हो जाए। यह भी कहा कि संदीप नाम का शख्स गिरफ्तार किया गया है, जो तुम्हारे आधार कार्ड पर लिए गए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रहा था।

डिजिटल अरेस्ट कर 19.30 लाख वसूले
विपुलखंड के मुकुल सोनकर के पास 17 दिसंबर को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आई। कॉलर ने खुद को आरबीआई का इंस्पेक्टर प्रदीप सावंत बताया। बोला, तुम्हारे पर मनी लॉड्रिंग का केस हुआ है। तत्काल आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है। आप हर वक्त मेरी निगरानी में है। यह सुनकर मुकुल दहशत में आ गए। फिर कॉल करने वाले ने कहा कि खातों की जांच होगी। इनमें जो रकम हो, वह दिए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दो। जांच के बाद रकम लौटा दी जाएगी। मुकुल ने 19.30 लाख ट्रांसफर कर दिये। कॉल कटने के बाद उन्हें ठगी का एहसास हुआ। बृहस्पतिवार को उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई।

सावधानी बरतें, शिकार होने से बचें

  • सीबीआई, एनआईए, पुलिस आदि का अफसर बनकर कोई कॉल करे तो उस पर भरोसा न करें।
  • अगर कॉलर कहता है कि मनी लॉड्रिंग या ड्रग्स तस्करी में आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है तो तुरंत कॉल कट कर दें और पुलिस को सूचना दें।
  • कॉल करने वाला शख्स कहता है कि आपका बेटा या बेटी अरेस्ट किया गया है, तुरंत रुपये भेजे तो छोड़ दिया जाएगा…तो तत्काल समझ जाएं कि ये कॉल साइबर अपराधी ने ठगी के लिए की है।
  • 92 कोड वाले नंबर की कॉल रिसीव न करें। साथ ही व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से आने वाली वीडियो व ऑडियो कॉल को नजरअंदाज करें।

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