लखनऊ: वृंदावन योजना में बनेगा सेंट्रलाइज्ड सिटी बस टर्मिनल

सिटी बसों का संचालन बेहतर बनाने के लिए वृंदावन योजना में (सेक्टर-नौ) पी-4 पार्किंग में सेंट्रलाइज्ड सिटी बस टर्मिनल बनाया जाएगा। यहां से 141 इलेक्ट्रिक व 52 सीएनजी बसें चलाई जाएंगी। यह बस अड्डा तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा।
वृंदावन योजना में सिटी बस टर्मिनल के प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट ने 380 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं। अभी राजधानी में रोडवेज विभूतिखंड, चारबाग व अमौसी कार्यशाला को पीपीपी मॉडल पर विकसित कर रहा है। यहां अत्याधुनिक बस अड्डे बनाए जा रहे हैं।
चारबाग बस अड्डे से ही सिटी बसों का संचालन होता था। इसके बंद होने से सिटी बसों के संचालन के मार्ग में रोड़े अटक गए। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए वृंदावन योजना स्थित पी-4 पार्किंग में सिटी बस टर्मिनल बनाने की योजना बनाई गई। अभी यहां बसों की पार्किंग हो रही है। बस अड्डे को तीन साल में तैयार करना होगा। व्यावसायिक जगह पांच साल में विकसित होगी। 60 वर्ष की लीज समाप्त होने के बाद सरकार इसे अपने स्वामित्व में लेगी। विकासकर्ता का चयन पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी तरीके से होगा।
7.06 एकड़ में बनेगा 193 बसें चलेंगी
अधिकारियों ने बताया कि सेंट्रलाइज्ड सिटी बस टर्मिनल 7.06 एकड़ (28,56,728 वर्गमीटर) में फैला होगा। इसे पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर बनाया जाएगा। जमीन निजी विकासकर्ता को 60 वर्षों के लिए लीज पर दी जाएगी। नगरीय परिवहन निदेशालय की ओर से जमीन को आवास एवं विकास परिषद से 150 करोड़ रुपये में खरीदा है। टर्मिनल से 141 ई-बसों व 52 सीएनजी बसों का संचालन एक साथ हो सकेगा। भविष्य में 150 अतिरिक्त ई-बसों को भी बेड़े में शामिल करने की योजना है।
यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
टर्मिनल पर 275 कारों की पार्किंग, वेटिंग रूम, उपयोगिता भवन, पूछताछ व बुकिंग काउंटर, वातानुकूलित वेटिंग हॉल, आरक्षण, पार्सल रूम, क्लॉक रूम, सार्वजनिक सुविधाएं, कियोस्क, फूड स्टॉल, शौचालय, वाटर एटीएम, मेडिकल एड रूम, क्रेच, बैंक, एटीएम, पुलिस बूथ और सुरक्षा नियंत्रण की सुविधाएं होंगी। इसके अलावा मॉल भी रहेगा।