थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की 2024 की रिपोर्ट में दिल्ली की हवा में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 (पीएम 2.5) के स्तर के वार्षिक रुझानों के विश्लेषण में यह निराशाजनक खुलासा हुआ।
राष्ट्रीय राजधानी का औसत वायु प्रदूषण लगातार दूसरे साल बढ़ गया। वर्ष 2024 में वार्षिक पीएम 2.5 की सांद्रता बढ़कर 104.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही, जो 2023 के स्तर से 3.4% अधिक और राष्ट्रीय औसत से दोगुना है। वह भी तब, जबकि पंजाब, हरियाणा व दिल्ली में पराली जलाने की घटनाएं 37.5% कम हो गईं।
थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की 2024 की रिपोर्ट में दिल्ली की हवा में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 (पीएम 2.5) के स्तर के वार्षिक रुझानों के विश्लेषण में यह निराशाजनक खुलासा हुआ। हालांकि 2024 का औसत अब भी 2018 के शिखर 115.8 माइक्रोग्राम/घन मीटर से 9.6% कम है, लेकिन यह 2021-2023 के तीन साल के औसत से 3 फीसदी अधिक है।
सीएसई की अनुसंधान कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी के मुताबिक, पीएम2.5 में वृद्धि बढ़ते प्रदूषण का प्रभाव है। इससे निपटने के लिए तत्काल रणनीति बनाने की जरूरत है।
पंजाब में 75, हरियाणा में 37 फीसदी कम जली पराली
सीएसई रिपोर्ट में राहत की खबर यह है कि पिछले वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में पंजाब में 75 फीसदी और हरियाणा में 37 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।