पंजाबराज्य

लुधियाना सांसद रवनीत बिट्टू की सरकारी कोठी में चली गोली

सांसद रवनीत बिट्टू के घर की सुरक्षा में तैनात कर्मचारी संदीप कुमार अपने कमरे में बैठा हुआ था। बताया जा रहा है कि उसी की पिस्टल से ही गोली चली थी। संदीप कुमार मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। जिस समय घटना घटी, सांसद बिट्टू किसी कार्यक्रम में गए हुए थे।  

पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते और लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू की सरकारी कोठी में शुक्रवार देर रात गोली चल गई। गोली उनके घर की सुरक्षा में तैनात कर्मचारी संदीप कुमार को लगी जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई। संदिग्ध हालत में हुई संदीप की मौत के बाद थाना डिवीजन नंबर 8 की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। 

गोली चलने की आवाज सुनते ही अन्य सुरक्षा कर्मचारियों ने जब कमरे में जाकर देखा तो संदीप लहूलुहान पड़ा था और उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद कर्मचारियों ने इसकी जानकारी सीआईएसएफ के उच्च अधिकारियों को दी। इसके बाद सीआईएसएफ के साथ-साथ पुलिस भी मामले की जांच में जुटी है।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर इलाके में रहने वाले संदीप कुमार पिछले काफी समय से लुधियाना से कांग्रेसी सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के सुरक्षा दस्ते में तैनात थे। सांसद रवनीत सिंह बिट्टू अपने अन्य सुरक्षा कर्मचारियों के साथ लुधियाना में ही किसी प्रोग्राम में गए हुए थे। कुछ सुरक्षा कर्मचारी रोजगार्डन के पास स्थित उनकी सरकारी कोठी में तैनात थे। 

अपने कमरे में बैठा था संदीप, अपनी ही पिस्टल से चली गोली
बताया जा रहा है कि संदीप कुमार अपने कमरे में बैठा हुआ था इसी दौरान उसकी पिस्टल से ही गोली चली जो उसकी गर्दन के पास जा लगी। संदीप की मौके पर ही मौत हो गई। गोली चलने की आवाज सुनकर कोठी के अंदर और बाहर तैनात सुरक्षा कर्मचारी तुरंत संदीप के कमरे में पहुंचे। संदीप की मौत की जानकारी उच्च अधिकारियों और लुधियाना कमिश्नर रेट पुलिस को दी गई। 

सांसद बिट्टू को अपने सुरक्षा कर्मी की मौत की खबर मिली तो वह तुरंत अपने घर पहुंचे और घटनास्थल पर सारी जानकारी हासिल की। सीआईएसएफ के अधिकारी और थाना डिवीजन नंबर 8 की पुलिस कोठी के अंदर और बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे चेक कर रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि आखिर गोली कैसे चली है। 

उल्लेखनीय है कि सांसद रवनीत सिंह बिट्टू कट्टरपंथियों के खिलाफ लगातार कोई ना कोई बयान देते रहते हैं जिस कारण वह आतंकियों के निशाने पर भी हैं। इसी कारण पुलिस और उनकी सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ अधिकारी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहते। वह इसकी पूरी जांच करने के बाद रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी सौंपेंगे। थाना डिवीजन नंबर 8 के एसएचओ इंस्पेक्टर विजय कुमार ने बताया कि मामला संदिग्ध है, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। मामले की जांच की जा रही है और पोस्टमार्टम के बाद ही सारा खुलासा हो पाएगा।

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