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वक्फ संपत्तियों पर अब कब्जा करना होगा नामुमकिन

केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विभिन्न पहलुओं के संबंध में ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास नियम, 2025’ को अधिसूचित कर दिया है। इनमें संपत्तियों का पोर्टल और डाटाबेस, लेखा परीक्षा और खातों का रखरखाव शामिल हैं।

प्रत्येक वक्फ संपत्ति की होगी एक विशिष्ट पहचान संख्या
नियम के अधिसूचित होने से पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों को अपलोड और अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव पोर्टल और डाटाबेस के ऑपरेशनल कंट्रोल की निगरानी करेंगे।

केंद्र ने अधिसूचित किए नियम, संपत्तियों को अपलोड व अपडेट करने की शुरू होगी प्रक्रिया
पोर्टल और डाटाबेस, रिकॉर्ड पर आने वाली प्रत्येक वक्फ संपत्ति के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या को स्वचालित रूप से उत्पन्न करेगा। इसका उपयोग भविष्य के सभी संदर्भों और संपत्तियों की ट्रैकिंग व निगरानी के लिए किया जाएगा।

अधिसूचित नियमों के अनुसार, मुतवल्ली अपने मोबाइल नंबर और ई-मेल का उपयोग करके पोर्टल और डाटाबेस पर इन्हें नामांकित करेंगे। अगर किसी संपत्ति को गलत तरीके से वक्फ घोषित करने की शिकायत मिलती है, तो जिला कलेक्टर से संदर्भ प्राप्त होने के एक वर्ष के भीतर नामित सरकारी अधिकारी को जांच पूरी करनी होगी।

वक्फ (संशोधन) अधिनियम को संसद ने अप्रैल में पारित किया था
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लागू करने के लिए हाल ही में केंद्रीय कानून मंत्रालय को मसौदा नियम भेजे थे। इसे 21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। वक्फ (संशोधन) अधिनियम को संसद ने अप्रैल में पारित किया था।

इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के नियमन और प्रबंधन में व्यापक बदलाव लाना है। कानून के विवादास्पद प्रविधानों के विरुद्ध विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।केंद्रीय नियमों की अधिसूचना के बाद अगला कदम राज्य के लिए मॉडल नियमों का निर्माण है।

मॉडल नियम बनाने के लिए कानून मंत्रालय के सेवानिवृत्त अधिकारियों और अन्य विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाएगी। मॉडल नियम को राज्य कुछ संशोधनों के साथ अपना सकते हैं।

वक्फ और संपत्तियों का विवरण अपलोड करने को लेकर करना होगा यह काम
वक्फ और संपत्तियों का विवरण अपलोड करने और खातों के रखरखाव के लिए राज्य सरकारों को संबंधित राज्यों में संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त करना होगा, जो केंद्रीकृत सहायता इकाई के साथ मिलकर काम करेगा।

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