वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मनी लांड्रिंग व आतंक के वित्त पोषण के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने वैश्विक वित्त व्यवस्था की सुरक्षा करने वाले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के ग्लोबल नेटवर्क की भी सराहना की। साथ ही FATF के अध्यक्ष मार्कस प्लीयर को कोरोना महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में प्रदान किए गए सक्षम मार्गदर्शन और नेतृत्व के लिए बधाई दी। वित्त मंत्री ने 2022-24 के लिए पेरिस स्थित FATF की रणनीतिक प्राथमिकताओं का समर्थन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की 2022 की स्प्रिंग मीटिंग के साथ आयोजित FATF मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया। IMF-वर्ल्ड बैंक स्प्रिंग मीटिंग 2022 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बीते सोमवार को ही अमेरिका पहुंच गईं थीं।
इस दौरान वित्त मंत्री ने IMF की प्रथम उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ से मुलाकात की। उन्होंने भारत की जी20 की अध्यक्षता सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी20 की अध्यक्षता भारत करेगा। 39 सदस्यों वाले FATF में दो क्षेत्रीय संगठन यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद हैं। FATF परामर्श और उसके एशिया प्रशांत समूह का सदस्य भारत है।
बैठक के दौरान FATF की 2022-24 के लिए रणनीतिक प्राथमिकताओं पर भी चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि इस अवधि के लिए प्राथमिकताओं में प्रमुख रूप से FATF ग्लोबल नेटवर्क को मजबूत करना, पारस्परिक मूल्यांकन की एफएटीएफ प्रणाली निर्मित करना, आपराधिक संपत्तियों को अधिक प्रभावी ढंग से पुनर्प्राप्त करने की क्षमता बढ़ाना शामिल हैं। FATF एक अंतर-सरकारी निकाय है। इसकी स्थापना साल 1989 में मनी लांड्रिंग, आतंक के वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से संबंधित अन्य खतरों से निपटने के लिए की गई थी।