विश्व स्वास्थ्य संगठन अब भविष्य में महामारी की वजह बनने वाले रोगाणुओं की लिस्ट करेगा तैयार…
संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन अब उन रोगाणुओं के बारे में पता लगाने की तैयारी कर रहा है जो भविष्य में महामारी की शक्ल ले सकते हैं। WHO की तरफ से कहा गया है कि वो ऐसे रोगाणुओं की एक अपडेट लिस्ट तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं जो बड़े पैमाने पर बीमारी या वैश्विक महामारी बनने की वजह बन सकते हैं। डब्ल्यूएचओ दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सहयोग से ऐसे pathogens को चिन्हित कर उनकी लिस्ट तैयार करेगा। संगठन ने कहा है कि ये उनकी अब प्राथमिकता में शामिल है। डब्ल्यूएचओ द्वारा इसकी अपडेट लिस्ट वर्ष 2023 के आरम्भ में पब्लिश किए जाने की उम्मीद है।
इस काम में लगेंगे 300 वैज्ञानिक
डब्ल्यूएचओ के इस काम में दुनियाभर के करीब 300 वैज्ञानिक मदद करेंगे जो 25 से अधिक Virus Fammlies और bacteria पर तथ्यों का आकलन करेंगे। इसके अलावा वैज्ञानिक Disease X पर भी अपना ध्यान केंद्रित करेंगे। डिजीज एक्स एक ऐसे अनजान pathogens का संकेत है, जिससे अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर र महामारी फैल सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि शुक्रवार को आरम्भ हुई इस प्रक्रिया में इसके जरिये वैक्सीन, परीक्षण और उपचार के लिये विश्व स्तर पर निवेश, रिसर्च एंड डेवलपमेंट को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
2017 में आई थी पहली लिस्ट
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इस दौरान जिन pathogens की प्राथमिकता के तौर पर निगरानी किये जाने की आवश्यकता है उनकी लिस्ट पहले वर्ष 2017 में प्रकाशित की गई थी। इनमें कोविड-19, Crimean-Cong Haemorrhagic fever, Eblola Virus Disease, Marburd Virus Disease, Lassa Fever, Middle East Respiratory Syndrome (MERS), Severe Acute Respiratory Syndrome (SARS), Nipah, Henipaviral Diseases, Rist Valley Fever, Zika Disease X वायरस शामिल थे।
भविष्य में रोगों से लड़ने में मिलेगी मदद
विश्व स्वास्थ्य संगठन में हैल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के डायरेक्टर डाक्टर माइकल रायन का कहना है कि प्राथमिकता वाले pathogens और Virus Fammlies को जवाबी उपायों के लिये रिसर्च और डेवलपमेंट में लक्षित किए जाने की बेहद जरूरत है। इससे वैश्विक महामारी और बीमारियों के प्रकोप के खिलाफ तेजी से और कारगर जवाबी उपायों को अपनाने में मदद मिल सकेगी।
रोगाणुओं की प्राथमिक सूची
स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा इस प्रक्रिया के तहज उन रोगाणुओं की एक प्राथमिकता सूची तैयार की जाएगी जिनके लिये अतिरिक्त शोध एवं निवेश की आवश्यकता होगी। डब्ल्यूएचओ का ये भी कना है कि रिसर्च और डेवलपमेंट उन रोगाणुओं के लिये विकसित किये जाएंगे, जिन्हें शुरुआती रूप से चिंहित किया गया है। इसके बाद रिसर्च के लिए और इनके बाबत अपनी जानकारियों को दूर करने की कोशिश की जाएगी।